रिपोर्ट – परवेज आलम
प्रयागराज। विगत वर्ष की भाँति इस वर्ष भी ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज में बृहस्पतिवार को मुक्तांगन परिसर में वार्षिकोत्सव का भव्य आयोजन हुआ। महाविद्यालय के यशस्वी प्राचार्य आदरणीय प्रो आनंद शंकर सिंह जी के संरक्षकत्व तथा सांस्कृतिक समिति के दिशानिर्देश में आयोजित तरुणोत्सव की शुरुआत दीप प्रज्वलन व विघ्नहर्ता गणेश की वंदना से हुयी। महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा समृद्धि के देवता गणेश के आह्वान के लिए समूह नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी, जिससे सभागार का वातावरण सकारात्मक ऊर्जा से भर गया। तत्पश्चात लोकगीतो में घुली माटी की खुशबू ने सभी का मन मोह लिया। भारत विविधताओं में एकता का देश है, यह रंग इस बार महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव में बखूबी झलका। विभिन्न प्रदेशों में होने वाले क्षेत्रीय गीतों पर नृत्य प्रस्तुतियो ने समा बाँधा तो महाविद्यालय परिसर में उपस्थित दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से प्रतिभागियों का हौसलाअफजाई किया। प्रादेशिक नृत्य प्रस्तुतियो में महाराष्ट्र, उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा आदि का नृत्य शामिल रहा। उत्तर प्रदेश के यूपी वाला दुमका गीत पर तो सभी दर्शक झूम उठे। नृत्य और गीत ने आयोजन में चार चाँद लगाया तो कविता कहाँ पीछे रहती, देशभक्ति व बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं थीम पर प्रस्तुत प्रासंगिक कविता पर दर्शक मन्त्रमुग्ध हो उठे। उत्तर भारत में प्रसिद्ध बिहार का लोक-पर्व छठ पूजा की तर्ज पर भी अभिनव प्रस्तुति हुयी। इसके उपरांत हारमोनियम तथा तबला की थाप पर कव्वाली की प्रस्तुति ने सभी को अभिभूत किया। भारत जैसे सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश में प्रदूषण की समस्या चिन्तनीय है अतः वार्षिकोत्सव में ‘प्रदूषण की समस्या व उससे बचाव विषय पर नाटक की प्रस्तुति हुयी, जिसके माध्यम से दर्शकों को पालीथीन से होने वाली हानियों के प्रति ध्यान आकर्षित किया गया तथा उससे निजात पाने का आहवान किया गया। ऐसे छात्र-छात्राए जो दूर-दराज के गाँव से आँखों में सपने लेकर शहर पढ्ने आते हैं. उनके संघर्ष तथा दृढ़ संकल्प की शक्ति को एक नाटक के माध्यम से दिखाया गया। सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों ने बड़े ही मनोयोग से उस प्रस्तुति को देखा तथा उसकी समाप्ति पर जोरदार तालियों की गड़गड़ाहट और आँखो की नमी से अपनी स्वीकारोक्ति दिया।
यह वार्षिकोत्सव विशेष रूप से इसलिए भी खास रहा कि बृहस्पतिवार को ही प्राचार्य का जन्मदिवस भी था। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से कई भाषाओं में उन्हें जन्मदिवस की शुभकामनायें दी एवं विद्यार्थी सत्यम द्वारा उनका विशेष स्केच सम्मान के रूप में प्रदान किया गया। महाविद्यालय के शिक्षकगणों ने भी प्राचार्य को शुभकामनायें देकर कार्यक्रम में सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम की समाप्ति पर महाविद्यालय के प्राचार्य डा आनंद शंकर सिंह जी ने आशीर्वाद के रूप में अनमोल संदेश दिया। जीवन में आगे बढ़ने के साथ-साथ मानव बने रहने तथा आवश्यकता पड़ने पर जरूरतमन्द की सदैव सहायता करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बच्चे बगिया के फूल होते हैं जिनकी खुशबू से समाज सुगंधित होता है। शिक्षित जन सभ्य समाज का निर्माण करते हैं और अपने देश को आगे ले जाते हैं।
तरुणोत्सव के समापन पर सांस्कृतिक समिति की संयोजिका डा गायत्री सिंह जी ने समिति के सभी सदस्यों तथा अन्य सहयोगी जन के प्रति धन्यवाद देकर आभार प्रकट किया। मंच संचालन विद्यार्थी राज नन्दिनी, प्रभात एवं शादाब ने किया। इस अवसर पर अधिकाधिक विद्यार्थी उपस्थित रहे और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद उठाया।
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