“कहानी खत्म हो सकती है, किरदार नहीं” Article "कहानी खत्म हो सकती है, किरदार नहीं" ज़िंदगी एक रंगमंच है और हम सब अपने-अपने किरदारों में बंधे हुए कलाकार। कोई कहानी में आता है...
“क्या तुम सुन पा रहे हो? पेड़-पौधे तुम्हें पुकार रहे हैं” Article हर साल 5 जून को जब ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ आता है, तब अखबारों में कुछ पंक्तियाँ छपती हैं, सरकारी दफ्तरों में भाषण होते हैं, बच्चों...
“प्रेम और परछाई” Article "प्रेम और परछाई" प्रेम और परछाई—दोनों की उपस्थिति का कोई निश्चित आकार नहीं होता, लेकिन जब ये साथ चलने लगते हैं, तो ज़िंदगी की तस्वीर...
“जिंदगी का सच” Article "जिंदगी का सच" जिंदगी… एक शब्द, जिसमें अनगिनत भावनाएँ, अनुभव, सपने और संघर्ष समाए हुए हैं। यह एक यात्रा है, जो बचपन से शुरू होकर...
“मां की गोद, जहां सारा संसार सिमट जाता है” Article जब कोई बच्चा जन्म लेता है, तो उसकी पहली पहचान होती है—'मां'। आंखें खुलते ही जिस चेहरे को सबसे पहले देखता है, वो मां होती...
“जब रबड़ था तो गलतियाँ मासूम थीं, अब स्याही है तो हर लकीर गवाही है” Article "पेंसिल और पेन" जब हम छोटे होते हैं, हमारे हाथ में एक पेंसिल होती है — नर्म, हल्की, और सबसे ख़ास बात ये कि उसमें...
“संवेदनाओं का सूखा और जीवन की लड़ाई: बेज़ुबानों की अनकही त्रासदी” Article एक कटोरा पानी, एक मुट्ठी चावल – बेजुबानों की सिसकती दुनिया गर्मियों की एक झुलसाती दोपहर थी। आसमान से आग बरस रही थी और ज़मीन...
“होली के रंग” Article "होली के रंग" "गुलाल की खुशबू, पिचकारी की धार,रंगों में घुली है प्यार की बहार।फागुन की मस्ती, बांसुरी की तान,बरसे हैं रंग, झूमे आसमान।" इस...
“दो साल बाद भी गूंजती यादें” Article "दो साल बाद भी गूंजती यादें" दो बरस बीते तुम्हारे बिना, फिर भी दिल में वही कसक बाकी है। वक़्त ने सब सिखा दिया शायद,...
“जिंदगी का सफर” Article "जिंदगी का सफर" "चलती रही जिंदगी, रुकती नहीं,कभी धूप, कभी छांव, पर झुकती नहीं।कभी हंसाए, कभी रुलाए,कभी उम्मीदों के दीप जलाए।" जीवन निरंतर चलता रहता...