“दो साल बाद भी गूंजती यादें”
दो बरस बीते तुम्हारे बिना,
फिर भी दिल में वही कसक बाकी है।
वक़्त ने सब सिखा दिया शायद,
बस तुम्हें भुलाना अभी भी बाकी है।
यहां कवि यह कह रहे हैं कि भले ही दो साल बीत गए हों, लेकिन उस प्रियजन की यादें अभी भी दिल में बनी हुई हैं। समय ने कुछ सिखाया है, लेकिन उसे पूरी तरह से भुलाने में अब भी समय लगेगा।
हर मौसम तुम्हारी याद दिला देता है,
बरसात में वो भीगे लम्हें,
सर्द हवाओं में तुम्हारी वो बातों की गर्माहट,
गर्मी की धूप में तुम्हारी मुस्कान की ठंडक।
हर मौसम उस व्यक्ति की यादों को ताज़ा कर देता है। बरसात में पुराने पलों की यादें, सर्द हवाओं में उसकी बातें, और गर्मी में उसकी मुस्कान की ठंडक सभी इंद्रिय अनुभवों के माध्यम से जुड़ी हुई हैं।
तुम्हारे जाने के बाद भी,
कितनी बातें अधूरी सी रह गईं।
वो अनकही कहानियाँ,
अब खामोशी में भीगती रह गईं।
प्रियजन के जाने के बाद कई बातें अधूरी रह गईं। उन अनकही बातों का अब कोई अर्थ नहीं बचा और वे खामोशी में दब गईं हैं।
दो साल और बीत गए,
पर तुम्हारे नाम की गूँज अब भी है।
शायद ये दूरी ही हमारी तक़दीर थी,
मगर दिल को ये यकीन अब भी है।
दो साल और बीत गए, लेकिन प्रियजन का नाम अब भी कवि के दिल में गूंजता है। वो मानते हैं कि शायद ये दूरी उनकी तक़दीर थी, लेकिन दिल में यह विश्वास है कि वह हमेशा उनके साथ हैं।
तुम खुश रहना अपनी दुनिया में,
मेरी दुआएँ तुम्हारे संग हैं।
शायद ये दूरी ही हमारी तक़दीर थी,
पर दिल की गहराई में तुम अब भी मेरे साथ हो।
कवि अपने प्रियजन को खुश रहने की शुभकामनाएँ देते हैं और कहते हैं कि, भले ही वे अलग हों, दिल में वह हमेशा उनके साथ रहेंगे।
इस कविता में कवि बिछड़ने और समय के साथ बिताए गए लम्हों की यादों को महसूस कर रहे हैं। दो साल बाद भी प्रियजन की यादें उनके दिल में गूंज रही हैं। कविता में यह संदेश है कि समय ने भले ही कुछ सिखाया हो, लेकिन उन यादों को पूरी तरह से भुलाना मुश्किल है। हर मौसम, हर घड़ी प्रियजन के साथ बिताए गए पल और उनकी बातें फिर से ताजा हो जाती हैं।
कवि स्वीकार करते हैं कि प्रियजन के जाने के बाद कई बातें अधूरी रह गईं, लेकिन उनकी यादें खामोशी में भी जीवित हैं। कविता के अंत में कवि अपने प्रियजन को शुभकामनाएं देते हैं, उन्हें खुश रहने की कामना करते हैं, और कहते हैं कि भले ही अब वे दूर हैं, लेकिन दिल की गहराई में प्रियजन हमेशा उनके साथ रहते हैं।
कुल मिलाकर, कविता समय और दूरी के बावजूद बिछड़े हुए व्यक्ति की यादों की स्थिरता और सच्चाई को व्यक्त करता है।
लेखक – राहुल मौर्या