आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में शारीरिक समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। इन्हीं में से एक है सर्वाइकल पेन, जो गर्दन, कंधों और सिर में दर्द का कारण बनता है। यह समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है और अगर इसे समय रहते नहीं समझा गया, तो यह गंभीर रूप ले सकती है।
‘द लैंसेट’ में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, 2020 में विश्वभर में 20.3 करोड़ लोग सर्वाइकल पेन से ग्रसित थे। विशेषज्ञों का मानना है कि 2050 तक यह संख्या बढ़कर 27 करोड़ तक पहुंच सकती है। वहीं, नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 14% वयस्क अपने जीवनकाल में कभी न कभी इस दर्द का अनुभव करते हैं।
इस रिपोर्ट में हम सर्वाइकल पेन की समस्या, इसके कारण, लक्षण, संभावित इलाज और इससे बचाव के तरीकों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
सर्वाइकल पेन क्या है?
सर्वाइकल पेन एक हड्डी संबंधी समस्या है, जिसमें गर्दन के आसपास दर्द और जकड़न महसूस होती है। इसे मेडिकल भाषा में ‘सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस’ कहा जाता है। यह समस्या मुख्य रूप से रीढ़ की हड्डी (स्पाइन) के ऊपरी हिस्से में देखी जाती है।
आजकल, डिजिटल युग में जहां लोग घंटों तक मोबाइल और कंप्यूटर पर काम करते हैं, वहां यह समस्या आम होती जा रही है। खराब जीवनशैली और अनियमित खान-पान इस समस्या को और बढ़ावा देते हैं।
सर्वाइकल पेन के कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, सर्वाइकल पेन के मुख्य कारणों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठना: लैपटॉप, मोबाइल या कंप्यूटर पर ज्यादा देर तक झुककर काम करने से गर्दन और कंधों पर दबाव बढ़ जाता है।
- गलत शारीरिक मुद्रा (पोश्चर): झुककर बैठना, गलत तरीके से सोना या ऊंचा तकिया इस्तेमाल करने से सर्वाइकल पेन की समस्या हो सकती है।
- अनियमित खान-पान: शरीर में कैल्शियम और विटामिन-डी की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस का खतरा बढ़ जाता है।
- तनाव और मानसिक दबाव: ज्यादा स्ट्रेस लेने से मसल्स में तनाव बढ़ता है, जिससे गर्दन में दर्द हो सकता है।
- बढ़ती उम्र: उम्र बढ़ने के साथ हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और स्पाइनल डिस्क में बदलाव होते हैं, जिससे दर्द की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- इंफ्लेमेशन (सूजन): शरीर में किसी भी तरह की सूजन, जैसे कि ऑस्टियोआर्थराइटिस, रूमेटाइड आर्थराइटिस या मेनिन्जाइटिस, सर्वाइकल पेन का कारण बन सकती हैं।
सर्वाइकल पेन के लक्षण
सर्वाइकल पेन केवल गर्दन में दर्द तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह अन्य कई परेशानियों को जन्म दे सकता है। इसके प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:
- गर्दन में दर्द और जकड़न – सुबह उठते ही या दिनभर काम करने के बाद दर्द बढ़ सकता है।
- सिरदर्द – सर्वाइकल पेन के कारण सिर में भारीपन और दर्द हो सकता है।
- कंधे और हाथों में दर्द – कई बार यह दर्द गर्दन से कंधों और बाहों तक फैल जाता है।
- सुन्नपन और झनझनाहट – लंबे समय तक सर्वाइकल समस्या बनी रहने पर नसों पर दबाव पड़ सकता है, जिससे हाथ-पैरों में सुन्नपन महसूस हो सकता है।
- चक्कर आना और संतुलन बिगड़ना – कुछ मामलों में सर्वाइकल पेन के कारण चक्कर आ सकते हैं या संतुलन बिगड़ सकता है।
- हाथों की पकड़ कमजोर होना – मांसपेशियों में कमजोरी के कारण चीजें पकड़ने में दिक्कत हो सकती है।
सर्वाइकल पेन का इलाज
डॉक्टर और विशेषज्ञ इस समस्या को दूर करने के लिए कई तरह के उपचार सुझाते हैं।
1. दवाओं के जरिए इलाज
डॉक्टर्स पहले मरीज को दर्द और सूजन को कम करने वाली दवाएं देते हैं। अगर दर्द गंभीर होता है, तो डॉक्टर कुछ मजबूत पेनकिलर्स या इंजेक्शन भी दे सकते हैं।
2. फिजियोथेरेपी
फिजियोथेरेपी से इस समस्या में काफी राहत मिल सकती है। फिजियोथेरेपिस्ट कुछ विशेष एक्सरसाइज बताते हैं, जो गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करती हैं।
3. सर्जरी (जरूरत पड़ने पर)
अगर दवाओं और फिजियोथेरेपी से राहत नहीं मिलती और समस्या गंभीर हो जाती है, तो सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि, यह आखिरी विकल्प होता है।
सर्वाइकल पेन से बचाव के उपाय
सर्वाइकल पेन से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव लाना बेहद जरूरी है। इसके लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
- बैठने और सोने की सही मुद्रा अपनाएं – हमेशा रीढ़ को सीधा रखें और ज्यादा ऊंचे तकिए का उपयोग न करें।
- लंबे समय तक एक ही पोजीशन में न बैठें – हर 30-40 मिनट में ब्रेक लें और हल्की स्ट्रेचिंग करें।
- सही डाइट लें – हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए विटामिन-डी, कैल्शियम और प्रोटीन युक्त आहार लें।
- व्यायाम और योग करें – गर्दन और रीढ़ की हड्डी को मजबूत रखने के लिए नियमित रूप से योग और एक्सरसाइज करें।
- तनाव से बचें – ज्यादा मानसिक दबाव न लें और रिलैक्सेशन तकनीकों का उपयोग करें।
- हाइड्रेटेड रहें – पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं ताकि मांसपेशियों और जोड़ों में लचीलापन बना रहे।
सर्वाइकल पेन एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, खासकर डिजिटल युग में जहां लोग स्क्रीन के सामने घंटों बिताते हैं। इस समस्या से बचने के लिए सही जीवनशैली अपनाना, सही पोश्चर में बैठना, व्यायाम करना और संतुलित आहार लेना बेहद जरूरी है।
अगर दर्द लगातार बना रहता है और घरेलू उपायों से राहत नहीं मिलती, तो विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। समय पर ध्यान दिया जाए, तो सर्वाइकल पेन को रोका जा सकता है और एक स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है।