‘मां कुश्ती मुझसे जीत गई और मैं हार गई; माफ करना’….विनेश फोगट के यो शब्द थे .चंद लाईने थी , जिसने 140करोड़ भारतीयों का दिल बैठा दिया .दिमाग शून्य कर दिया .8 अगस्त की सुबह जहां हम सभी सो रहे थे.ठीक उसी वक़्त हिन्दुस्तान से हज़ारों किलोमीटर दूर बैठी भारतीय महिला रेसलर विनेश फोगट ने कहा ,नहीं ..अब बस .इसके बाद हम सभी गौरव प्रदान करने वाली देश की इस बेटी ने अपने एक्स पर संन्यास का एलान कर दिया.जैसे ही ये खबर देश के लोगों को पता चली .सभी हैरान रह गए .
सच ही कहा है किसी ने कि वक्त कब पलट जाए.इसका किसी को जरा-सा भी अंदाजा नहीं होता. कभी-कभी सारी दुनिया को जीतने के बावजूद भी .पूरी दुनिया के सामने आप ‘लूजर’ बन जाते हैं .
समय का पहिया घूमता जरूर है, लेकिन वो कभी गलत नहीं हो सकता.अगर आपकी मेहनत और लगन सच्ची है तो कामयाबी आपको बिना जीत हासिल किए ही मिल जाती है.आज पूरा देश ही उमड़ पड़ा है .ये बताने में कि नहीं विनेश तुम अकेली नहीं हो .हर कोई विनेश का हौसला बढ़ाने में लगा है .खैर विनेश ने ये फैसला दिल पर पत्थर रखकर ही ..लिया होगा.क्योंकि 100 ग्राम वजन बढ़ने की वजह डिसक्वालिफाई होने के बाद इस वक्त विनेश ही समझ सकती है कि वह किस स्थिति से गूजर रहीं ह विनेश के कुश्ती को अलविदा कहने से सभी हैरान हैं .
आज देश के कोने – कोने में सिर्फ विनेश फोगट की ही चर्चा हो रही है ..और हो भी क्यों न ..भारत की इस बेटी ने जबसे कुश्ती के मैदान में क़दम रखा है तभी से वह अपने खेल से पूरे देश को गर्व महसूस कराती रही है …भारत की सबसे बेहतरीन महिला पहलवानों में से एक मानी जाने वाली विनेश फोगाट का जीवन संघर्ष और सफलता की कहानी से भरा हुआ है.विनेश का जन्म 25 अगस्त 1994 को हरियाणा के बलाली गांव में हुआ .बचपन में ही पिता राजपाल फोगाट का साया सर से उठ गया .उनके चाचा महावीर सिंह फोगाट ने उन्हें और उनकी बहनों को पहलवानी की ट्रेनिंग देना शुरू किया.महावीर सिंह फोगाट ने अपनी बेटियों और भतीजियों को समाज के प्रतिरोध के बावजूद पहलवानी की ट्रेनिंग दी और उन्हें सफल बनाया.
विनेश ने अपने करियर की शुरुआत जूनियर लेवल पर की और धीरे-धीरे सीनियर लेवल पर अपनी पहचान बनाई. उन्होंने 2013 में दक्षिण एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता और इसके बाद से उनकी अंतरराष्ट्रीय पहचान बढ़ती गई.इसके बाद विनेश फोगट ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा .2014 में विनेश ने ग्लासगो में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीता.2014 में ही आयोजित एशियाई खेलों में विनेश ने कांस्य पदक जीता.साल 2018 के गोल्ड कोस्ट में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में फिर से स्वर्ण पदक जीता.2018 में जकार्ता में आयोजित एशियाई खेलों में विनेश ने स्वर्ण पदक जीता.वहीँ विनेश ने 2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता और टोक्यो ओलंपिक 2020 के लिए क्वालीफाई भी कर लिया .इन सब के बीच विनेश की ज़िन्दगी में कई ऐसे भी मौके आये .जब लगा कि अब वह कभी मैट पर वापसी नहीं कर पाएगी ..तो विनेश ने सबको गलत साबित करते हुए ज़बरदस्त वापसी भी की .विनेश की ज़िन्दगी में वो दौर भी आता है ..जब उन्हें महिला पहलवानों के साथ देश की राजधानी में सड़क पर आन्दोलन शुरू करना पड़ता है .पूर्व कुश्ती संघ अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह से विवाद न सिर्फ भारतीय कुश्ती संघ संघ को दागदार करता अहै ..बल्कि बृज भूषण शरण सिंह को अपनी कुर्सी से भी हाथ धोना पड़ता है ..विनेश महिला पहलवानों के शोषण के खिलाफ लम्बी लड़ाई लड़ती हैं .
महिला पहलवानों की इस लड़ाई पर मोदी सरकार की चुप्पी भी सभी को अखरती हैं .क्योंकि मोदी जी ने कभी विनेश और अन्य पहलवानों को अपने परिवार का सदस्य तक बताया था .खैर इन सबके बीच पेरिस ओलम्पिक में विनेश फोगाट ने महिलाओं की 50 किलोग्राम भार वर्ग की फ्री स्टाइल कुश्ती में मैदान में उतरती हैं ..और पहले राउंड में दुनिया की नंबर पहलवान को धूल चटा देती हैं .इसके बाद क्वार्टर फाइनल में यूक्रेन की खिलाड़ी को पटखनी देकर सेमीफाइनल में जगह पक्की कर लेती हैं .फिर सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर को हराकर ओलंपिक कुश्ती के इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा लिया था.पूरा देश खुश था कि देश की बेटी ने सिल्वर मैडल तो पक्का कर दिया ..अब गोल्ड की बारी है ..विनेश देश की पहली महिला पहलवान बन गयी थी ..जिसने ओलम्पिक में फाइनल तक का सफ़र पूरा किया था लेकिन तभी अचानक से एक बुरी खबर आती है कि 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के चलते विनेश फोगाट को डिसक्वालीफाई कर दिया गया है .इस खबर से पूरे देश के खेल प्रेमियों की आंखें नम कर दीं..हालांकि विनेश के चेहरे पर दुःख साफ़ तौर पर झलक रहा था ..लेकिन फिर भी विनेश ने इसे खेल का हिस्सा बताया ..इसके बाद भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने विनेश ने मुलाकात की ,दोनों में बातचीत होती है .इसके बाद विनेश फोगाट ने डिसक्वालीफाई किए जाने के खिलाफ कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन (CAS) में अपील दायर की है. साथ ही संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग की है.
दरअसल सीएएस दुनिया भर में खेलों की सेवा करने वाली एक स्वतंत्र संस्था है.इसका काम खेल से जुड़े सभी कानूनी विवादों का निपटारा करना है.इस मामले में अब क्या निर्णय आता है ..ये तो वक़्त ही बताएगा ..वहीँ भारत में विनेश फोगाट के लिए हर कोई आवाज़ उठा रहा है ..बताया ये जा रहा अहै कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बैनर्जी ने विनेश को भारत रत्न देने या फिर राज्य सभा का सदस्य बनाए जाने की माँग की , वहीँ अखिलेश यादव ने x पर लिखा है कि विनेश फोगाट के फ़ाइनल में न खेल पाने की चर्चा के तकनीकी कारणों की गहरी जाँच-पड़ताल हो और सुनिश्चित किया जाए कि सच्चाई क्या है .और इसके पीछे की असली वजह क्या है.वहीँ राहुल गांधी ने x पर लिखा कि विश्वविजेता पहलवानों को हरा कर फाइनल में पहुंची भारत की शान विनेश फोगाट का तकनीकी आधार पर अयोग्य घोषित किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है.हमें पूरी उम्मीद है कि भारतीय ओलंपिक संघ इस निर्णय को मजबूती से चैलेंज कर देश की बेटी को न्याय दिलाएगा.विनेश हिम्मत हारने वालों में से नहीं हैं, हमें पूरा भरोसा है कि वह अखाड़े में और अधिक मजबूती से वापसी करेंगी.आपने हमेशा देश को गौरवान्वित किया है विनेश आज भी पूरा देश आपकी ताक़त बनकर आपके साथ खड़ा है.उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत बहुत से नेताओं ने देश की बेटी का संबल बढाने का काम किया .खैर अब कभी भी भारतीय महिला रेसलर विनेश फोगाट रेसलिंग मैट पर नजर नहीं आएगी.उन्होंने अपने संन्यास का एलान कर दिया है .विनेश अब तक तीन ओलंपिक में भारत के लिए हिस्सा ले चुकीं हैं .विनेश फोगाट ने अपने संन्यास का एलान करते हुए लिखा कि मां कुश्ती मेरे से जीत गई . मैं हार गई माफ करना , आपका सपना , मेरी हिम्मत सब टूट चुके और इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब,अलविदा कुश्ती 2001से लेकर 2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी माफी.
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