आजमगढ़ :- किसी ने सच ही कहा है कि एक औरत कि सबसे बड़ी दुश्मन एक औरत ही होती है …आज जो खबर हम आपको दिखाने जा रहे हैं ..उसे देखकर एकबारगी आप सोचने पर मजबूर हो जायेंगे …कि आज के समय में क्या इंसानी रिश्तों की कोई क़द्र नहीं रह गयी है क्या ….एक महिला आज अपने और अपने बच्चियों की अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है …लेकिन सरकारी महकमा, पुलिस विभाग उसकी मदद करने के बजाय उससे कहता है कि अपने पति के घर में रहोगी भी ..और उसी पे मुकदमा भी दर्ज करवाओगी ..फिर वो महिला अपना दुखड़ा सुनाती है लेकिन क्षेत्रीय पुलिस उसकी बातों को नज़रंदाज़ कर देती है …इसके बाद वो महिला एसपी दरबार का भी दरवाजा खटखटाती है ..और अब उसे उच्चाधिकारियों से ही न्याय की उम्मीद है ….जी हाँ ये मामला आजमगढ़ जिले का है , जिले के निजामाबाद थाना क्षेत्र के कैथौली गाँव की रहने वाली सुनीता यादव नाम की महिला ने अपने पति पर सनसनीखेज़ आरोप लगाते हुए कहाकि वह किसी अर्चना यादव नाम की महिला से प्रेम संबंध में है . सुनीता ने बताया कि उसके पति श्याम देव ने उसे और उसकी 3 बच्चियों को अकेला छोड़कर दूसरी महिला के साथ रहता है और अक्सर ही उसे जान से मारने की धमकी देता है . सुनीता ने बताया कि साल 2007 के मई महीने में मेरे माँ- बाप ने मेरी शादी श्यामदेव से करवाई . शुरू – शुरू में सब ठीक था , लेकिन जैसे ही मैंने दो बच्चियों को जन्म दिया तो मेरे पति श्यामदेव के व्यवहार में परिवर्तन आने लगा . फिर जब बेटे के चक्कर में जब तीसरी बेटी भी पैदा हो गयी तो सुनीता का पति श्यामदेव पूरी तरह से बदल गया . सुनीता ने बताया कि उसका पति गल्फ कंट्री के ओमान में कमाई करने गया था .जब वह कोविड के समय अपने वतन वापस आया तो एक रोज़ उसका पति ट्रैक्टर लेकर असनी गाँव में फसल की दवाई करने गया , तो वहां उसका टाका अर्चना नाम की लड़की से भिड़ गया .
इसके बाद उसका पति अपने बीवी – बच्चों को भूलकर उसी के चक्कर में पड़ा रहता था . इस दौरान महिला ने अपने पति को बहुत समझाया लेकिन उसकि हरकतें नहीं बदली . कोविड समाप्त होने के बाद वह फिर ओमान कमाई करने वापस गया तो वह लड़की उसे छोड़ने एयरपोर्ट तक भी गयी ..जब ये खबर सुनीता को मिली तो वो अपना माथा पीटकर रह गयी . सुनीता ने हमसे बातचीत के दौरान बताया कि जब वह उस लड़की की शिकायत लेकर उसके घरवालों से मिली कि अपनी बेटी को समझा दें कि इस उम्र में मेरा पति अय्याशी कर रहा है , मेरी तीन – तीन बच्चियां हैं , मैं उन्हें लेकर कहाँ जाउंगी . आरोप है कि ये सुनकर उस लकड़ी के घर वालों ने सुनीता को मारा पीटा . खैर वक़्त बीता और जब उसका पति फिर वतन वापस आया तो अपने घर ना जाकर वह अर्चना के घर गया और वहीँ से उसे लेकर आजमगढ़ शहर में कहीं किराए के मकान में रहने लगा . सुनीता ने जैसे ही ये खबर सुनी तो इसकी शिकायत पुलिस में जाकर किया . आरोप है कि निजामाबाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया . इसी बीच सुनीता को एक और खबर मिली कि उसका आपति श्यामदेव और उसकी प्रेमिका कोर्ट में शादी करने वाले हैं …तो सुनीता ने भी कोर्ट में शादी रुकवाने के लिए आपत्ति डाली है . सुनीता ने बताया कि अक्सर ही उसका पति उसको मारता – पीटता रहता था , कि तुम्हे कोई बेटा नहीं हो रहा है , तुम मुझे बेटा नहीं दे सकती हो तो मैं दूसरी लड़की से शादी करूँगा और उसे भी इसी घर में लाकर रखूँगा . इस पर जब सुनीता विरोध करती तो वह अक्सर ही उसकी पिटाई करने लगता . सुनीता की तीन बेटियाँ हैं , जिनमे एक की उम्र 13 साल , दूसरे की उम्र 8 साल , जबकि तीसरी बेटी की उम्र लगभग 5 साल है ….
वहीँ हमने सुनीता यादव के मायके में उनके बुजुर्ग माँ – बाप से बातचीत किया तो उन्होंने बताया कि घर पर वह दोनों अकेले रहते हैं , बेटे बहु मुम्बई में रहते हैं ..उन्होंने बताया कि इस उम्र में अब हम कहाँ जाएँ , किससे फ़रियाद करें , हमें अब कुछ भी नहीं समझ आ रहा है . सुनीता के पिता बताते हैं कि बड़े अरमानों से बेटी का विवाह किया अथा और अपनी हैसियत के हिसाब से दान – दहेज़ दिया था , लेकिन तीन बेटियों के पिता होने के बावजूद उनका दामाद श्यामदेव जो हरकत कर रहा है ..उससे उनका सर शर्म से झुक गया है . मेरी बेटी आज दर -दर की ठोकरें खा रही है ..गाँव के घरों से माँग कर अपने बच्चों को पाल रही है …सुनीता के पिता बताते हैं कि उनके दामाद श्यामदेव ने उनकी बेटी पर बहुत अत्यचार किया है , यहाँ तक की घर में रखे जिस गैस सिलेंडर पर सुनीता अपने बच्चों के लिए खाना बनाती थी , उसे भी वह उठा ले गया ..सारा राशन भी उठा ले गया , आज मेरी बेटी दाने – दाने की मोहताज है . सुनीता के बुजुर्ग पिता और प्रदेश के मुखिया , महिला आयोग , मानवाधिकार आयोग और जिले के पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगा आरहे हैं कि उनकी बेटी के साथ न्याय किया जाए …
अब सवाल ये उठता कि क्या तमाम महिला संगठन और समाजसेवी संगठन इस महिला को न्याय दिलाने में उसकी मदद करेंगे . क्योंकि एक औरत अपने तीन बेटियों के साथ अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है ,कहीं ऐसा न हो कि उस महिला का विश्वास हार जाए . वरना फिर कभी भी कोई उस कहावत पर भरोसा नहीं कर पायेगा कि एक महिला अपने पति के लिए यमराज से लड़ गयी थी . सुनीता बड़ा दिल दिखाते हुए कहती है कि अगर मेरे पति उस लड़की को छोड़कर मेरे पास लौट आते हैं तो मैं सारे गिले शिकवे भूलकर उन्हें माफ़ कर दूंगी . मैं बस चाहती हूँ कि वह मेरी बच्चियों को देखें , उन्हें पढाये – लिखाए और किसी पराई स्त्री के चक्कर में पड़कर अपना घर बर्बाद न करें ..अब आप ही बताइये कि क्या एक महिला का विश्वास जीतेगा , या फिर वासना और बेटे की चाहत में श्यामदेव अपना घर – बार सब तबाह कर लेगा ..हमें कमेन्ट करके ज़रूर बताइये , और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करिए ताकि एक महिला को इन्साफ मिल सके .
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