बहराइच :- आज ग्राम कारीकोट मेला मैदान में डब्लू. डब्लू. एफ. इंडिया द्वारा संचालित घरेलू स्तर पर बकरी पालन और मुर्गी पालन योजना के तहत ग्रामीणों की सहमति लेने हेतु एक बैठक का आयोजन ग्राम प्रधान प्रतिनिधि कारीकोट श्री केशवराम चौहान की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में क्षेत्रीय वनाधिकारी निशानगाड़ा रेंज श्री ताराशंकर यादव , पशुचिकित्सा अधिकारी सुजौली डॉक्टर विपिन बिहारी वर्मा , ईको विकास प्रभारी कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग श्री राधेश्याम और कारिकोट ग्राम के इको विकास अध्यक्ष श्री रामफल के साथ ग्राम आनंदनगर , लोहरा, आजमगढ़पुरवा, राणाफार्म और कारिकोट के ग्रामीण व स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्यों के साथ पशुपालन विभाग के स्थानीय पैरावेट्स व सामुदायिक कार्यकर्ता उपस्थित हुए।
कार्यक्रम को संचालित करते हुए डब्लू डब्लू एफ के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी ने बताया की इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों के पशुधन की सुरक्षा से उनकी आय में वृद्धि करना है क्योंकि ग्रामीण तो पशुपालन करते हैं परंतु जानकारी के अभाव में अक्सर पशुओं में बीमारी के लक्षणों को पहचान नहीं कर पाते हैं और पशु मर जाते हैं विशेष कर बकरी और मुर्गी में चूंकि यह दोनो जानवर अधिकतर महिलाएं पालती हैं और इसको बेचकर आय प्राप्त करती हैं ऐसे में उनका आर्थिक नुकसान होता है । यदि उनके पशुओं को सही समय पर टीकाकरण और दवाई मिल जाए तथा बीमारियों की पहचान हो जाए तो पशुओं की अधिकांश मृत्यु को रोका जा सकता है। इस हेतु डब्लू डब्लू एफ ने पशुपालन विभाग से वार्ता कर पैरावेट्स को प्रशिक्षण प्रदान करवा दिया गया है भविष्य में चिन्हित ग्रामों के पशुओं की देखभाल, टीकाकरण और दवा चरणबद्ध तरीके से पशुपालन विभाग के माध्यम से किया जाएगा । उन्होंने ग्रामीणों को अपने पालतू पशुओं का बीमा कराने का सुझाव दिया जिससे की किसी आपदा में पशु हानि का मुआवजा मिल सके।
पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर विपिन बिहार वर्मा ने ग्रामीणों को बकरियां में होने वाली बीमारियों के बारे में विस्तार से बताया उन्होंने बीमारी के लक्षणों की पहचान, कृत्रिम गर्भाधान,कृमि मुक्ति और टीकाकरण अंतराल के बारे में बताया और कहा की पशुपालन विभाग ग्रामीणों के पशुओं की चिकित्सकीय देखरेख हेतु तत्पर है और पशुपालन के लोगों के आय में वृद्धि करना हम लोगों की प्रार्थमिकता है।
क्षेत्रीय वनाधिकारी निशानगाड़ा रेंज श्री ताराशंकर यादव ने उपस्थित ग्रामीणों और महिलाओं को बताया कि भारत की अर्थ व्यवस्था में पशुपालन एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और ग्रामीणों की एक तरह से नकदी पूंजी है बहुत कम निवेश में पशुपालन विभाग से सलाह लेकर अधिक लाभ कमाया जा सकता है उन्होंने कहा कि ईको विकास समिति के माध्यम से इस प्रकार की योजनाओं में लोगों को जोड़ा जाएगा उन्होंने मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को रोकने हेतु उपस्थित लोगों को सुझाव दिया और वन विभाग की योजनाओं के बारे में बताया।
अंत में ग्राम पंचायत कारीकोट के प्रधान प्रतिनिधि श्री केशवराम चौहान ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डब्लू डब्लू एफ का धन्यवाद किया और सभी अधिकारियों का आभार प्रकट किया तथा ग्राम पंचायत स्तर पर हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
कार्यक्रम को इको विकास प्रभारी राधेश्याम , वन रक्षक कौशल किशोर सिंह और अध्यक्ष रामफल ने भी संबोधित किया ।
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