साल 1988 में जब ‘वीराना’ रिलीज़ हुई थी, तब भारतीय सिनेमा में हॉरर फिल्मों को लेकर एक खास किस्म का जिज्ञासा और डर दोनों का माहौल था। आज 36 साल बाद भी, इस फिल्म का नाम सुनते ही बहुत से लोग सिहर उठते हैं। ‘वीराना’ उस दौर की फिल्म है जो न सिर्फ डर पैदा करती थी, बल्कि अपनी रहस्यमयी कहानी, डरावने दृश्यों और एक रहस्यमयी महिला किरदार के कारण आज भी चर्चा में रहती है।
डर का नया अध्याय
रामसे ब्रदर्स के निर्देशन में बनी ‘वीराना’ उस समय की सबसे डरावनी फिल्मों में से एक मानी जाती है। फिल्म की कहानी एक खूबसूरत मगर शापित और आत्मा-ग्रस्त लड़की ‘जैस्मिन’ के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे एक तांत्रिक आत्मा अपने वश में कर लेती है और वह रात के अंधेरे में मर्दों को अपनी ओर आकर्षित कर मार डालती है।
यह कहानी जितनी दिलचस्प थी, उतनी ही डरावनी भी। फिल्म में इस्तेमाल की गई लोकेशंस, बैकग्राउंड म्यूजिक और खासकर जैस्मिन की रहस्यमयी मुस्कान दर्शकों को भयभीत कर देती थी।
जैस्मिन: रहस्य की रानी
‘वीराना’ में जैस्मिन का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री आज भी एक रहस्य बनी हुई हैं। फिल्म के बाद वह अचानक गायब हो गईं और उनका कोई ठोस सुराग कभी सामने नहीं आया। कई लोग कहते हैं कि उन्हें किसी अंडरवर्ल्ड से धमकी मिली थी, तो कुछ लोग दावा करते हैं कि वह विदेश चली गईं। लेकिन 36 साल बाद भी जैस्मिन का रहस्य आज भी लोगों को डराता है और ‘वीराना’ को एक मिथक की तरह बना देता है।
रामसे ब्रदर्स: डर की फैक्ट्री
रामसे ब्रदर्स ने भारतीय सिनेमा में हॉरर को एक नई पहचान दी। उन्होंने ‘पुराना मंदिर’, ‘बंद दरवाज़ा’, ‘पुरानी हवेली’ जैसी फिल्में दीं, लेकिन ‘वीराना’ को जो लोकप्रियता मिली, वह किसी और को नहीं मिली। रामसे ब्रदर्स का मानना था कि डर सस्पेंस और माहौल में होता है, और ‘वीराना’ में यह बात हर दृश्य में नजर आई।
फिल्म की शूटिंग पुराने किलों, वीरानों और अंधेरी हवेलियों में की गई थी, जिससे यह और भी डरावनी लगती थी। रात में फिल्म देखने वाले दर्शक अक्सर घर लौटते समय पीछे मुड़कर देखते थे।
टेलीविज़न पर ‘वीराना’ का कहर
1990 और 2000 के दशक में जब ‘वीराना’ टीवी पर प्रसारित होती थी, तब कई घरों में बच्चे इसे देखने से मना कर दिए जाते थे। कुछ माता-पिता तो टीवी बंद कर देते थे। जिन बच्चों ने इसे देख लिया, वे हफ्तों तक डर के मारे अकेले कमरे में नहीं सो पाते थे।
इस फिल्म की सबसे डरावनी बात थी उसका संगीत और साउंड इफेक्ट्स। जैसे ही जैस्मिन स्क्रीन पर आती, एक रहस्यमयी साउंड ट्रैक बजता था जो आज भी सोशल मीडिया रील्स में डर फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
विरासत जो आज भी ज़िंदा है
आज ‘वीराना’ न सिर्फ एक हॉरर फिल्म मानी जाती है, बल्कि एक पॉप कल्चर आइकन बन चुकी है। यूट्यूब पर इसके क्लिप्स आज भी लाखों बार देखे जाते हैं। जैस्मिन के पोस्टर और फिल्म के संवाद आज भी हॉरर फैन्स के लिए खजाना हैं।
इतना समय बीत जाने के बाद भी ‘वीराना’ को लेकर लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ। कई हॉरर फिल्म मेकर्स ने यह कबूल किया है कि उनकी प्रेरणा का स्रोत ‘वीराना’ रही है।
क्या फिर आएगा ‘वीराना’?
पिछले कुछ सालों से अफवाहें हैं कि ‘वीराना’ का रीमेक बनाया जा सकता है या शायद एक वेब सीरीज़ के रूप में इसे फिर से पेश किया जाएगा। हालांकि रामसे ब्रदर्स के सदस्य अब पहले जैसे सक्रिय नहीं हैं, लेकिन उनकी विरासत को नए निर्माता आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
अगर ऐसा हुआ, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि आज की तकनीक और विजुअल इफेक्ट्स के साथ ‘वीराना’ कितना डर पैदा कर पाती है। लेकिन एक बात तो तय है — जैस्मिन की वह डरावनी आंखें और मुस्कान आज भी लोगों के दिलों में ज़िंदा हैं।
‘वीराना’ महज़ एक फिल्म नहीं, बल्कि डर का वो चेहरा है जो भारतीय सिनेमा के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा। इसकी रहस्यमयी कहानी, डरावना माहौल और गुमनाम अभिनेत्री जैस्मिन — सबने मिलकर इस फिल्म को एक कालजयी हॉरर बना दिया।