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इलाहाबाद हाईकोर्ट से एल्विश यादव को झटका, ड्रग्स और सांप के ज़हर मामले में चार्जशीट रद्द करने की याचिका खारिज

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प्रयागराज: यूट्यूबर एल्विश यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने रेव पार्टी में ड्रग्स और सांप के ज़हर के इस्तेमाल से जुड़े मामले में दाखिल चार्जशीट को रद्द करने की उनकी याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव की एकल पीठ ने कहा कि एफआईआर और चार्जशीट में एल्विश यादव के खिलाफ स्पष्ट बयान और आरोप हैं, जिनकी जांच अब ट्रायल के दौरान होगी।

एल्विश यादव ने 29 अप्रैल, 2024 को इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने अपने खिलाफ दाखिल 1200 पन्नों की चार्जशीट को खारिज करने की मांग की थी। उनका दावा था कि उनके पास से न तो कोई सांप बरामद हुआ और न ही कोई मादक पदार्थ, और उनका अन्य आरोपियों से कोई संबंध नहीं है।

याचिका पर सुनवाई के दौरान एल्विश के वकील नवीन सिन्हा ने दलील दी कि एफआईआर दर्ज कराने वाला व्यक्ति वन्यजीव अधिनियम के तहत अधिकृत नहीं था। उन्होंने कहा कि एल्विश न तो उस पार्टी में मौजूद थे और न ही उनके पास से कुछ मिला।

वहीं सरकारी पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष गोयल ने अदालत को बताया कि जांच में यह सामने आया कि एल्विश ने उन लोगों को सांपों की आपूर्ति की थी, जिनके पास से कोबरा और ज़हर बरामद हुआ।

इस मामले की शुरुआत अक्टूबर 2023 में हुई थी, जब बीजेपी नेता मेनका गांधी की संस्था ‘पीपल्स फॉर एनिमल्स’ (PFA) ने नोएडा पुलिस से एल्विश यादव के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। FIR में आरोप लगाया गया कि एल्विश दिल्ली-NCR के फार्महाउस में जिंदा सांपों के साथ वीडियो शूट करता है और रेव पार्टियों में उनका ज़हर नशे के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।

पुलिस ने मामले में गहन जांच करते हुए 5 अप्रैल 2024 को 1200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें एल्विश यादव के सपेरों से संपर्क, कॉल डिटेल, सोशल मीडिया गतिविधियां और अन्य सबूतों के साथ 24 गवाहों के बयान भी शामिल किए गए थे। चार्जशीट में 9 सांपों की बरामदगी और 20ml ज़हर की FSL रिपोर्ट को भी जोड़ा गया था।

पुलिस को मुख्य आरोपी राहुल यादव के पास से ज़हर बरामद हुआ था और एक ऑडियो क्लिप सामने आई थी, जिसमें उसने खुद स्वीकार किया कि वह एल्विश की पार्टी में ड्रग्स सप्लाई करता था।

17 मार्च 2024 को एल्विश यादव को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वे पांच दिन जेल में रहे और बाद में गुरुग्राम कोर्ट से उन्हें ज़मानत मिल गई थी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब एल्विश यादव को ट्रायल का सामना करना पड़ेगा, जहां इन गंभीर आरोपों की जांच विस्तार से की जाएगी।

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