एसडीएम ने अधिवक्ता के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने और एससी एसटी का मामला दर्ज कराया
हरदोई शाहाबाद :- जनसुनवाई के दौरान एसडीएम के कार्यालय में अधिवक्ता और एसडीएम के बीच एक वाद को लेकर काफी तू तू मैं मैं हो गई। अधिवक्ता ने तैश में आकर जोर-जोर से मेज पीटनी प्रारंभ कर दी। शोर शराबे के बीच तहसील मुख्यालय पर अफरातफरी व्याप्त हो गई। एसडीएम ने अधिवक्ता के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने एवं जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करने का मामला दर्ज कराया है। इस संबंध में आरोपित वकील का कहना है कि वह नारी शक्ति का सम्मान करते हैं उनके मन में एसडीएम के लिए कोई दुर्भावना नहीं थी। बुधवार को शाहाबाद तहसील स्थित अपने कार्यालय में एसडीएम पूनम भास्कर जनसुनवाई कर रही थी। जनसुनवाई के दौरान भाजपा के नेता एवं अधिवक्ता अमित मिश्रा निवासी मौलागंज एक वाद के सिलसिले में एसडीएम से मिलने पहुंचे। एसडीएम सुश्री पूनम भास्कर का आरोप है धारा 207 के करुणा शंकर बनाम उत्तम कुमार बाजपेई के वाद के संबंध में प्रार्थना पत्र मौका के संबंध में तथ्यों को छुपा कर दिया गया था। एसडीएम ने जब रीडर से पत्रावली तलब की तो रीडर द्वारा बताया गया उक्त केस में 20 सितंबर को बहस हो चुकी है। अधिवक्ता को 27 सितंबर से पूर्व लिखित बहस दाखिल करने का अवसर दिया गया। एसडीएम सुश्री भास्कर द्वारा आरोप लगाया गया कि अधिवक्ता द्वारा अधोहस्ताक्षरी से पत्रावली प्रस्तुत करने का दबाव बनाया गया। एसडीएम द्वारा अधिवक्ता को बताया गया कि अभी जनसुनवाई का समय है और दूर दराज से आए शिकायतकर्ताओं की वह समस्याएं सुनकर उनका निराकरण कर रही हैं। जब न्यायालय में बैठे तब प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करें। एसडीएम सुश्री भास्कर का आरोप है कि इसी बात से अधिवक्ता काफी उत्तेजित हो गए और जोर-जोर से मेज पीटकर अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे। एसडीएम ने आरोप लगाया कि अधिवक्ता अमित मिश्रा जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए जोर-जोर से चिल्लाने लगे कि किसी की औकात नहीं है कि वह उनको आने से रोक सके । वह जब चाहेगे तब आयेंगे। किसी के बाप में दम नहीं है, जिसकी हिम्मत हो वह रोक कर दिखाए। जोर-जोर से बहस होने पर कार्यालय के बाहर भारी भीड़ एकत्रित हो गई । एसडीएम न्यायालय के समस्त अधिकारी और कर्मचारी भी मौके पर आ गए। एसडीएम द्वारा आरोप लगाया गया कि इससे पूर्व अधिवक्ता अमित मिश्रा के पिता राम सनेही मिश्रा के मुंशी सुशील कुमार द्वारा फर्द अहकाम को काले पेन से क्रॉस किया गया था जिसकी लिखित शिकायत बार एसोसिएशन को दी गई थी। एसडीएम ने अधिवक्ता अमित मिश्रा के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी। तहरीर के आधार पर अधिवक्ता अमित मिश्रा के धारा 353/ 186/ 504/ 506 एवं एससी एसटी के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। इस संबंध में अधिवक्ता अमित मिश्रा का कहना है कि वह नारी शक्ति का सम्मान करते हैं उनका प्रयास है कि विवाद आगे न बढ़े। एसडीएम द्वारा अधिवक्ता के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने और दलित एक्ट के अंतर्गत मामला दर्ज करने के बाद अधिवक्ताओं में आक्रोश देखा जा रहा है।
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