प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के मुखवा गांव का दौरा किया, जहां उन्होंने मां गंगा के मंदिर में दर्शन किए और वहां की धार्मिक, सांस्कृतिक विरासत को सम्मानित किया। मुखवा को मां गंगा का मायका कहा जाता है और इस गांव का धार्मिक महत्व अत्यधिक है। यहां पहुंचने के बाद, पीएम मोदी ने मंदिर में पूजा अर्चना की और फिर बाइक रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके बाद उन्होंने हर्षिल घाटी में स्थित व्यू पॉइंट से प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया और वहां के लोगों से संवाद किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए उत्तराखंड के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई अहम बातें कहीं और राज्य की शीतकालीन पर्यटन योजना को लेकर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि “जब देश के अधिकांश हिस्सों में सर्दी के मौसम में घना कोहरा होता है और सूर्य के दर्शन नहीं होते, तब पहाड़ों में धूप का आनंद लिया जा सकता है। यही कारण है कि ‘घाम तापो’ पर्यटन को बढ़ावा देना चाहिए।”
प्रधानमंत्री ने यहां के पर्यटन स्थलों का उल्लेख करते हुए बताया कि उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और यहां के पर्यटन की अनूठी विशेषताएं देश और विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन सकती हैं। उन्होंने खास तौर पर सर्दियों में उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों को बर्फीले पर्वतों, सुरम्य घाटियों और हरे-भरे जंगलों के कारण पर्यटकों के लिए आदर्श स्थल बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी अपील की कि बड़ी कंपनियों को अपने सेमिनार और कॉन्फ्रेंस के आयोजन के लिए उत्तराखंड का चयन करना चाहिए। उनका मानना था कि उत्तराखंड में आयोजित होने वाले बड़े आयोजन राज्य के पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद करेंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
शीतकालीन पर्यटन की पहल
उत्तराखंड सरकार ने इस साल शीतकालीन पर्यटन की शुरुआत की है, जिसके तहत पर्यटकों को राज्य में ठंड के मौसम में भी आने के लिए आकर्षित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस योजना की सराहना की और कहा कि पीएम मोदी के इस दौरे से उत्तराखंड के विकास को एक नई दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री के इस दौरे से उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को और गति मिलेगी, साथ ही होमस्टे टूरिज्म और बॉर्डर एरिया के गांवों के विकास को भी मदद मिलेगी।”
प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड के विकास की दिशा में राज्य सरकार की नीतियों की सराहना की और कहा कि उनकी सरकार शीतकालीन पर्यटन, होमस्टे, और सीमावर्ती इलाकों के विकास पर लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पर्यटन को ‘ऑल सीजन’ बनाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है और इसका परिणाम जल्द ही सामने आएगा।
उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक विकास
प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि “उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने के लिए डबल इंजन सरकार तेज गति से काम कर रही है। राज्य के विकास में केंद्र सरकार लगातार सहयोग दे रही है।”
उन्होंने केंद्र सरकार की तरफ से उत्तराखंड के लिए मंजूर किए गए दो महत्वपूर्ण रोपवे प्रोजेक्ट का भी जिक्र किया। मोदी ने बताया कि इन दो रोपवे प्रोजेक्ट की केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है, जो राज्य के दूरदराज के इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायक होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अब उत्तराखंड के लोग और पर्यटक इन रोपवे के माध्यम से पहाड़ों की सुंदरता का आनंद ले सकेंगे, और यह पर्यटन उद्योग के लिए एक नई उम्मीद बन सकता है।
सीमावर्ती गांवों का पुनर्विकास
प्रधानमंत्री मोदी ने 1962 में चीन के हमले के बाद उत्तराखंड के जादुंगांव और माणा गांव के खाली होने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि “60-70 साल तक इन गांवों की तरफ किसी का ध्यान नहीं गया, लेकिन हमारी सरकार ने इन गांवों को फिर से बसाने का काम किया और इन गांवों में नई जान फूंकने के लिए प्रयास किए।”
मोदी ने कहा कि अब इन सीमावर्ती गांवों को ‘आखिरी गांव’ की बजाय ‘प्रथम गांव’ के तौर पर सम्मानित किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि पहले चार धाम यात्रा पर औसतन 18 लाख श्रद्धालु आते थे, जबकि अब यह संख्या बढ़कर 50 लाख से भी अधिक हो गई है।
उत्तराखंड के लिए पर्यटन के नए अवसर
प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि “उत्तराखंड का सर्दी में पर्यटन सबसे बेहतरीन है, खासतौर पर गढ़वाली में इसे ‘घाम तापो’ पर्यटन कहा जाएगा।” उन्होंने युवाओं से भी अपील की कि वे उत्तराखंड को डेस्टिनेशन वेडिंग और विंटर टूरिज्म के लिए एक आदर्श स्थान के रूप में अपनाएं।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि कंटेंट क्रिएटर्स, यूट्यूबर और ब्लॉगर्स भी उत्तराखंड की सेवा कर सकते हैं और राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया के सामने ला सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह उत्तराखंड दौरा न केवल राज्य के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि यह राज्य के विकास के लिए एक मजबूत संदेश भी था। उन्होंने शीतकालीन पर्यटन, सीमा गांवों के विकास और पर्यटन की विविधता को लेकर कई योजनाओं का उल्लेख किया। उनके इस दौरे से राज्य में निवेश, पर्यटन और अर्थव्यवस्था में नई उम्मीदें जुड़ी हैं। अब यह देखना होगा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार की साझी पहलें किस तरह से उत्तराखंड को और अधिक समृद्ध बनाती हैं।