आजमगढ़ के देवगांव थाना क्षेत्र में एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई की मिसाल पेश की। जानकारी के अनुसार, मोहम्मद शफीक शेख नामक युवक ने अपनी प्रेमिका के परिजनों को झूठे मुकदमे में फंसाने के लिए खुद को गोली मारकर फर्जी हमला रचा। घटना की गुत्थी सुलझाने में पुलिस ने लगाई अपनी मेहनत और अंततः तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर इस सुनियोजित साजिश का पर्दाफाश किया।
घटना की शुरुआत 08 अक्टूबर को हुई, जब मोहम्मद कैफ ने देवगांव थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उनके चचेरे भाई मोहम्मद शफीक पर दो अज्ञात बाइक सवारों ने पिस्तौल से हमला किया। शिकायत में बताया गया कि शफीक के बाएं कंधे के नीचे गोली लगी है। घायल को तुरंत स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में बेहतर इलाज के लिए बीएचयू ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया। पुलिस ने गंभीरता से मामला लेते हुए जांच शुरू की।
जांच के दौरान पुलिस को घटनास्थल से एक संदिग्ध कैश मेमो बरामद हुआ, जिसमें असलहे के निशान थे। इस पर गहन पूछताछ की गई। पूछताछ में चौकाने वाला सच सामने आया—शफीक ने अपने दोस्तों मोहम्मद कैफ और संदीप यादव के साथ मिलकर पूरी साजिश रची थी। वह खुद को गोली मारकर यह दिखाना चाहता था कि कोई अज्ञात हमलावर उसके ऊपर जानलेवा हमला कर गया। कैश मेमो का इस्तेमाल इस बात को साबित करने के लिए किया गया कि गोली कुछ दूरी से चली है।
पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार के निर्देश पर, अपर पुलिस अधीक्षक मधुवन कुमार सिंह और क्षेत्राधिकारी लालगंज भूपेश कुमार पांडेय के मार्गदर्शन में देवगांव पुलिस ने 10 अक्टूबर को सुबह 08:55 बजे तीनों अभियुक्तों को टिकरी गांव से गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों के पास से .32 बोर पिस्टल, एक जिंदा कारतूस और एक खोखा कारतूस भी बरामद किया गया।
अभियुक्तों के खिलाफ आर्म्स एक्ट और बीएनएस की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। इस पूरे मामले ने पुलिस की सतर्कता, कुशल योजना और समय पर कार्रवाई को उजागर किया। अगर पुलिस समय पर सच पकड़ने में चूक जाती, तो यह मामला बड़े सामाजिक और कानूनी संकट का रूप ले सकता था।
आजमगढ़ में यह घटना न केवल अपराधियों के नापाक इरादों को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि किस तरह पुलिस सतर्कता और पेशेवर जांच से जटिल मामलों का समाधान कर सकती है।
