आजमगढ़: जहानगंज में सपाइयों ने मनाई मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि, 2027 में अखिलेश सरकार बनाने का लिया संकल्प
आजमगढ़ जिले की मुबारकपुर विधानसभा के जहानगंज बाजार में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी विचारधारा के प्रतीक स्व. मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर कार्यक्रम आयोजित किया। इस मौके पर सपाइयों ने 2027 में अखिलेश यादव के नेतृत्व में सरकार बनाने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में पहुंचे सपा विधायक अखिलेश यादव ने नेताजी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि “मुलायम सिंह यादव ने गरीबों, किसानों, मजदूरों और पिछड़े समाज के लोगों के अधिकारों की लड़ाई जीवनभर लड़ी। उन्होंने हमें सिखाया कि सत्ता जनता की सेवा का माध्यम होनी चाहिए, न कि अहंकार का प्रतीक।” विधायक ने कहा कि नेताजी की सोच और संघर्ष आज भी समाजवादियों की प्रेरणा का स्रोत है।
अखिलेश यादव ने नेताजी से जुड़ा एक प्रसंग साझा करते हुए बताया कि वर्ष 2009 में मुलायम सिंह यादव ने उन्हें बुलाकर आजमगढ़ का जिलाध्यक्ष बनाया था। उन्होंने कहा, “मैं एक गरीब किसान परिवार से था, लेकिन नेताजी ने मुझ पर विश्वास जताकर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी। उनका वह स्नेह और विश्वास आज भी मेरे जीवन की पूंजी है।”
सपा विधायक ने मुलायम सिंह यादव और मान्यवर कांशीराम के संबंधों पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि दोनों नेताओं ने सामाजिक परिवर्तन की दिशा में मिलकर काम किया। “नेताजी ने कांशीराम को संसद तक पहुंचाया और 1993 में बसपा-सपा गठबंधन के जरिए साम्प्रदायिक शक्तियों को सत्ता से दूर करने का ऐतिहासिक कार्य किया।
बसपा सुप्रीमो मायावती के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विधायक ने कहा कि लाखों दलित भाई लखनऊ इस उम्मीद से पहुंचे थे कि बहनजी भाजपा सरकार के खिलाफ हुंकार भरेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। “आज प्रदेश में दलितों और महिलाओं पर अत्याचार चरम पर है, पर बहनजी का रुख निराशाजनक रहा,” उन्होंने कहा।
वहीं पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) गठबंधन को लेकर उठे सवालों पर सपा विधायक ने टिप्पणी करने से इंकार किया, लेकिन कहा कि “यह मोर्चा अत्याचार और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए बना है। भाजपा सरकार की जुल्मी नीतियों से जनता त्रस्त है और समाजवादी विचारधारा ही इसका विकल्प है।”
कार्यक्रम के अंत में सपाइयों ने ‘नेताजी अमर रहें’ और ‘2027 में अखिलेश सरकार’ के नारों के साथ श्रद्धांजलि सभा का समापन किया।
