आजमगढ़ जिले में भारतीय जनता पार्टी के अंदर चल रही गुटबाजी सोमवार को खुलेआम सड़कों पर उतर आई। मामला उस समय गरमाया जब प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री एवं आजमगढ़ प्रभारी मंत्री अनिल राजभर शहर के नेहरू हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। इस दौरान भाजपा के दो गुटों के बीच मंच पर चढ़ने और गाड़ियों की आगे-पीछे करने को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि मामला मारपीट तक जा पहुंचा।
सूत्रों के अनुसार, एक गुट की अगुवाई भाजपा युवा मोर्चा के मंत्री अमन श्रीवास्तव कर रहे थे, जिन्हें भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय का समर्थन प्राप्त है। वहीं, दूसरा गुट निखिल राय का बताया जा रहा है, जो भाजपा जिला अध्यक्ष ध्रुव कुमार सिंह की टीम से जुड़े हुए हैं। मौके पर दोनों गुटों में धक्का-मुक्की और हाथापाई की स्थिति बन गई। कार्यक्रम स्थल पर अफरा-तफरी मच गई, जिसके चलते पुलिस को बीच-बचाव करना पड़ा।
झगड़े की सूचना मिलने के बाद दोनों पक्ष कोतवाली थाने पहुंच गए। वहां भी एक बार फिर गरमागरम बहस और धक्का-मुक्की शुरू हो गई। स्थिति बिगड़ती देख पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दोनों पक्षों को हिरासत में ले लिया। जानकारी मिलते ही भाजपा लालगंज के पूर्व जिला अध्यक्ष सूरत प्रकाश श्रीवास्तव भी समर्थकों के साथ कोतवाली पहुंच गए।
कोतवाली परिसर में तनाव बढ़ने के बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है। घटना के संबंध में अपर पुलिस अधीक्षक नगर मधुवन कुमार सिंह ने बताया कि,
“थाना कोतवाली क्षेत्रान्तर्गत दो गुटों में झड़प हुई थी। दोनों पक्षों को पुलिस हिरासत में लिया गया है। अग्रिम कार्रवाई प्रचलित है।”
जानकारी हो कि आजमगढ़ जिले में भाजपा की गुटबाजी नई नहीं है। हाल ही में हरैया ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान भी भाजपा के दो गुट आमने-सामने आ गए थे। एक गुट भाजपा समर्थित प्रत्याशी संतोष सिंह के पक्ष में था, जबकि दूसरा गुट समाजवादी पार्टी समर्थित प्रत्याशी के साथ खड़ा दिखाई दिया था।
प्रभारी मंत्री की मौजूदगी में हुए इस विवाद ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि आजमगढ़ भाजपा में गुटबाजी गहराई तक जड़ें जमा चुकी है। संगठन के भीतर चल रही यह कलह न सिर्फ पार्टी की छवि पर असर डाल रही है, बल्कि आगामी चुनावी तैयारियों के लिए भी चुनौती बनती जा रही है।
