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आजमगढ़ में शैलेंद्र मोहन राय ‘अटपट’ की पुस्तक ‘अटपट वाणी’ का भव्य लोकार्पण

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आजमगढ़ जिले के साहित्य प्रेमियों के लिए रविवार का दिन बेहद खास रहा, जब वरिष्ठ रचनाकार शैलेंद्र मोहन राय ‘अटपट’ की चर्चित पुस्तक ‘अटपट वाणी’ का भव्य लोकार्पण शहर के साईं होटल के सभागार में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का वातावरण गरिमामय और साहित्यिक उत्साह से परिपूर्ण था। इस लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता साहित्य भूषण राजाराम सिंह ने की, जबकि संचालन बैजनाथ गांवार और संयोजन डॉ. मुस्ताक अहमद अश्क ने किया।

मुख्य अतिथि, भोजपुरी साहित्य के प्रतिष्ठित रचनाकार एवं शब्दिता पत्रिका के संस्थापक संपादक डॉ. कमलेश राय ने कहा कि ‘अटपट वाणी’ हमारे समय की सशक्त और विचारोत्तेजक आवाज है। उन्होंने कहा कि अटपट जी ने राजनीति, पर्यावरण, सामाजिक विसंगतियों और मानवीय भावनाओं को अपने कुंडलियों के माध्यम से संवेदनशीलता के साथ अभिव्यक्त किया है।

मुख्य वक्ता प्रोफेसर हसीन खान ने इसे आजमगढ़ की साहित्यिक परंपरा में मील का पत्थर बताते हुए कहा कि कुंडलियों की यह विधा आमजन के जीवन से जुड़ी है और इसमें और विविध विषयों को जोड़ना आवश्यक है। डॉ. अजय गौतम, संपादक जलवायु पत्रिका, ने कहा कि अटपट जी ने पर्यावरण जैसे अहम विषयों को अपनी रचनाओं में समाहित कर समाज को जागरूक किया है, जो उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है।

कार्यक्रम में बालेदींन बेसरा ने इसे कुंडलियों पर आधारित पहली पुस्तक बताया, जबकि प्रो. अखिलेश चंद्र ने कहा कि यह किताब समाज की विसंगतियों पर तीखा प्रहार करती है। रमेश राय ने पुस्तकों के अध्ययन की महत्ता पर जोर दिया और रामदास मिश्रा ने ‘अटपट वाणी’ को उत्कृष्ट रचनाओं का सार्थक संग्रह बताया।

लोकार्पण समारोह के दौरान आयोजित कवि गोष्ठी में अश्क चिरैयाकोटी, श्रीमती अनीता राज, राकेश चौरसिया, आदित्य आजमी, घनश्याम यादव, जितेंद्र मिश्रा ‘काका’, रुद्रनाथ चौबे, देवेंद्र तिवारी देव, रोहित रागी, सुरेंद्र सिंह चांस, अधिराज बेदर्दी, सरोज यादव, डॉ. इंदु श्रीवास्तव और स्नेहलता राय रोहित ने अपनी रचनाओं से उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया।

इस अवसर पर साहित्यप्रेमी डॉ. रविंद्र नाथ राय, डॉ. विधि चंद्र यादव, अरविंद चित्रांश, हरिकेश विक्रम, डॉ. अमरीश श्रीवास्तव, पवन गौतम, ओम प्रकाश राय, राजेश राय, राकेश राय, डॉ. संदीप सिंह, विपुल राय, विपिन सिंह सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का समापन अटपट जी के परिवार द्वारा अतिथियों का हार्दिक स्वागत और आभार व्यक्त करने के साथ हुआ। धर्मपत्नी श्रीमती माधुरी राय, पुत्र प्रशांत राय, विष्णुदेव राय, निशांत राय, बहुएं अमृता, स्मिता, आकांक्षा राय और पौत्रगण देव प्रताप राय, वेद प्रताप राय, शौमिक राय ने सभी का अभिनंदन किया।

साहित्यिक गरिमा और भावनात्मक उल्लास से भरे इस समारोह ने आजमगढ़ में साहित्यिक परंपरा को नई ऊँचाई दी और ‘अटपट वाणी’ को पाठकों के लिए एक महत्वपूर्ण एवं प्रेरक कृति के रूप में स्थापित किया।

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