सुप्रीम कोर्ट में जूता फेंकने की घटना पर सपा जिलाध्यक्ष हवलदार यादव का बड़ा बयान – “यह संविधान पर हमला है, दलित-पिछड़ों की आवाज दबाने की कोशिश”
आज़मगढ़ : – सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश (CJI) न्यायमूर्ति गवई पर जूता फेंके जाने की घटना को लेकर देशभर में आक्रोश फैल गया है। इस अभूतपूर्व घटना पर समाजवादी पार्टी के आज़मगढ़ जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह हमला किसी व्यक्ति पर नहीं बल्कि भारतीय संविधान, लोकतंत्र और दलित-पिछड़े समाज की अस्मिता पर हमला है।
हवलदार यादव ने कहा, “आज तक के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश पर हमला हो। यह दर्शाता है कि मनुवादी मानसिकता के लोग अब भयभीत हैं, परेशान हैं। जो समाज शोषित, दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग है, उसी पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। लेकिन अब यह हमला हमारी एकता को और मजबूत करेगा। हम डरने वाले नहीं हैं, हम सब एकजुट होकर मुकाबला करेंगे।”
उन्होंने आगे कहा कि यह घटना बताती है कि जब देश के सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश भी सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिक की सुरक्षा पर सवाल उठना स्वाभाविक है। हवलदार यादव ने केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी पहले नैतिकता और चरित्र की बातें करती थी, लेकिन आज उसी पार्टी के शासन में सुप्रीम कोर्ट जैसी जगह पर ऐसी गुंडई की जा रही है।
सपा नेता ने कहा, “यह सिर्फ जूता फेंकने की घटना नहीं है, यह लोकतंत्र की जड़ों पर प्रहार है। भाजपा और उसके समर्थक देश में नफरत फैलाकर समाज को बांटने का काम कर रहे हैं। बरेली जैसी घटनाएं इसका उदाहरण हैं, जहां धर्म के नाम पर समाज में जहर घोला जा रहा है।”
उन्होंने न्यायमूर्ति गवई और उनकी माता को लेकर फैलाए जा रहे अफवाहों पर भी प्रतिक्रिया दी। हवलदार यादव ने कहा कि जस्टिस गवई की माता को एक विशेष विचारधारा के कार्यक्रम में बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने उसमें शामिल न होकर सही संदेश दिया कि वे किसी एक विचारधारा की नहीं, बल्कि सर्वधर्म समभाव की पक्षधर हैं।
हवलदार यादव ने कहा, “यही असली इंसानियत है, यही गौतम बुद्ध और डॉ. भीमराव अंबेडकर की शिक्षाओं की भावना है—सभी धर्मों, जातियों और वर्गों को समान अधिकार मिलें। देश के संविधान की यही आत्मा है, और हम सब मिलकर इसे बचाने का काम करेंगे।”
