नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए 12 मई 2025 का दिन बेहद भावुक और निराशाजनक बन गया, जब टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। पिछले सप्ताह ही भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने भी इस प्रारूप को अलविदा कहा था, और अब विराट के फैसले ने भारतीय क्रिकेट के सबसे सुनहरे युग का पटाक्षेप कर दिया है। सोशल मीडिया पर कोहली के पोस्ट ने उनके प्रशंसकों की आंखों को नम कर दिया है, तो वहीं दुनिया भर के गेंदबाजों ने थोड़ी राहत की सांस ली है।
कोहली की विदाई: एक युग का अंत
विराट कोहली ने सोमवार को इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट साझा करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा,
“टेस्ट क्रिकेट में पहली बार मैंने बैगी ब्लू जर्सी 14 साल पहले पहनी थी। ईमानदारी से कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह प्रारूप मुझे इस तरह के सफर पर ले जाएगा। इसने मेरी परीक्षा ली, मुझे पहचान दी और ऐसे सबक सिखाए जिन्हें मैं जीवनभर याद रखूंगा।”
कोहली ने अपनी टेस्ट जर्सी का नंबर ‘269’ लिखते हुए “साइनिंग ऑफ” के शब्दों के साथ इस युग का समापन किया।
पिछले कुछ समय से थे संन्यास के संकेत
कोहली के टेस्ट करियर को लेकर पिछले कुछ हफ्तों से अटकलें लगाई जा रही थीं। सूत्रों के अनुसार उन्होंने बीसीसीआई को पहले ही अपने फैसले से अवगत करा दिया था, लेकिन बोर्ड ने उन्हें इंग्लैंड सीरीज को ध्यान में रखते हुए अपना निर्णय टालने का आग्रह किया। हालांकि, विराट ने अपने मन की आवाज सुनी और क्रिकेट के सबसे प्रतिष्ठित प्रारूप से विदा ले ली।
14 वर्षों का शानदार सफर
विराट कोहली ने 20 जून 2011 को वेस्टइंडीज के खिलाफ सबीना पार्क, जमैका में टेस्ट डेब्यू किया था। इसके बाद अगले 14 वर्षों में उन्होंने 123 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और 210 पारियों में 9230 रन बनाए। उनका बल्लेबाजी औसत 46.85 रहा और इस दौरान उन्होंने 30 शतक और 31 अर्धशतक जमाए।
कोहली के टेस्ट करियर की सबसे बड़ी खूबी थी उनकी निरंतरता और विदेशी धरती पर शानदार प्रदर्शन। उन्होंने इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में शतकों की झड़ी लगाई और भारत को कई ऐतिहासिक जीतें दिलाईं।
कप्तानी में दिखाया लोहा
विराट कोहली को भारतीय टेस्ट क्रिकेट के सबसे सफल कप्तानों में गिना जाता है। उन्होंने 2014 से लेकर 2022 तक टीम इंडिया की कमान संभाली और इस दौरान भारत को 40 टेस्ट जीत दिलाईं। उनकी कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उन्हीं की जमीन पर हराया, जो भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक अद्वितीय उपलब्धि रही।
कोहली का आक्रामक तेवर, फिटनेस पर जोर और टेस्ट क्रिकेट को सर्वोच्च प्राथमिकता देना उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग बनाता है। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को ग्लैमर और उत्साह से भर दिया, जिसे कई युवा खिलाड़ियों ने अपनाया।
हालिया फॉर्म बना चिंता का विषय
हालांकि, पिछले दो वर्षों में कोहली के बल्ले से रन निकलना बंद हो गया था। न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में वह छह पारियों में मात्र 93 रन बना पाए और भारत को 3-0 से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी कोहली का प्रदर्शन फीका रहा। उन्होंने नौ पारियों में 190 रन बनाए, जिसमें सिर्फ एक शतक शामिल था।
विशेषज्ञों का मानना है कि कोहली का ऑफ स्टंप के बाहर जाती गेंदों पर बार-बार चूकना उनकी तकनीकी कमजोरी बन गई थी, जिसे विपक्षी गेंदबाजों ने बखूबी भुनाया।
टी20 और अब टेस्ट से भी विदाई
कोहली पहले ही टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। उन्होंने 125 मैचों में 48.7 की औसत से 4188 रन बनाए थे। वहीं, वनडे में उनका प्रदर्शन आज भी बेहतरीन है। उन्होंने अब तक 302 वनडे मैचों में 57.88 की औसत और 93.35 के स्ट्राइक रेट से 14181 रन बनाए हैं। इसमें 51 शतक और 74 अर्धशतक शामिल हैं।
भारतीय क्रिकेट को लगा बड़ा झटका
एक सप्ताह में रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दो दिग्गजों के संन्यास ने भारतीय टेस्ट क्रिकेट को गहरी चोट दी है। दोनों खिलाड़ी पिछले एक दशक से टीम की रीढ़ रहे हैं। ऐसे में आगामी इंग्लैंड दौरे से पहले टीम मैनेजमेंट के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई है कि अब नेतृत्व और अनुभव की कमी को कैसे पूरा किया जाए।
प्रशंसकों का टूटा दिल
सोशल मीडिया पर विराट कोहली के संन्यास की खबर आते ही फैंस भावुक हो उठे। ट्विटर पर #ThankYouKohli और #KingKohli ट्रेंड करने लगे। लाखों फैंस ने कोहली को धन्यवाद दिया और उनके बेहतरीन करियर के लिए शुभकामनाएं दीं। कई पूर्व खिलाड़ियों ने भी कोहली को बधाई दी और उन्हें ‘टेस्ट क्रिकेट का आधुनिक योद्धा’ बताया।
एक प्रेरणा, एक किंवदंती
विराट कोहली सिर्फ एक नाम नहीं, एक भावना हैं। उन्होंने लाखों युवाओं को क्रिकेट से जोड़ा, उन्हें फिटनेस की अहमियत सिखाई और यह बताया कि आत्मविश्वास और मेहनत से कुछ भी संभव है। वह न सिर्फ एक बल्लेबाज के तौर पर, बल्कि एक प्रेरणा स्रोत के रूप में क्रिकेट जगत में हमेशा याद किए जाएंगे।
विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक भावनात्मक क्षण है। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी, निडर कप्तानी और जुनून भरी खेल भावना ने भारतीय टीम को ऊंचाइयों तक पहुंचाया। अब जब वह इस सफेद जर्सी को उतार चुके हैं, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि “टेस्ट क्रिकेट में रोको का सफर थम गया है।”
लेकिन कोहली का क्रिकेट से रिश्ता अभी खत्म नहीं हुआ है। वह वनडे में अपना जलवा जारी रखेंगे और फैंस को उम्मीद है कि 2027 विश्व कप तक वह भारत के लिए एक और बड़ी ट्रॉफी जीतकर विदा लेंगे।