रिपोर्ट – राजेश चतुर्वेदी
प्रयागराज। घूरपुर थाना अंतर्गत ग्राम सभा इरादतगंज स्थित सेंट मैरिज कान्वेंट स्कूल की पूर्व छात्रा शक्ति दुबे ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की 2024 की सिविल सेवा परीक्षा में देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त कर न सिर्फ अपने विद्यालय और जिले, बल्कि समूचे उत्तर प्रदेश और भारत का नाम रोशन कर दिया है।
प्रारंभिक शिक्षा से बनी मजबूत नींव
शक्ति दुबे की प्रारंभिक शिक्षा इरादतगंज स्थित सेंट मैरिज कान्वेंट स्कूल से हुई, जहां उन्होंने बाल्यकाल से ही पढ़ाई में अव्वल प्रदर्शन किया। उनकी मेधा, अनुशासन और परिश्रम के चलते शिक्षक वर्ग भी उन्हें शुरू से ही एक उज्ज्वल भविष्य की प्रतीक मानता था।
उच्च शिक्षा में भी रचा इतिहास
विद्यालय के बाद शक्ति दुबे ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विज्ञान विषय में स्नातक की पढ़ाई की, जिसमें वे गोल्ड मेडलिस्ट रहीं। इसके बाद उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU), वाराणसी से अपनी उच्च शिक्षा पूरी की, जहां उन्होंने एक बार फिर से गोल्ड मेडल हासिल कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
स्कूल का बढ़ा गौरव, दूसरी टॉपर छात्रा
सेंट मैरिज कान्वेंट स्कूल से यह दूसरी बार है जब कोई छात्रा देश की सर्वोच्च सिविल सेवा में टॉप कर रही है। इससे पहले प्रयागराज ज़िले के थाना घूरपुर अंतर्गत ग्राम सभा पवर निवासी सीरत फातिमा, जो अब्दुल गनी की पुत्री हैं, इसी विद्यालय से पढ़कर आईएएस बनी थीं। अब शक्ति दुबे ने पूरे देश में पहला स्थान हासिल कर विद्यालय को पुनः गौरव के शिखर पर पहुंचा दिया है।
स्कूल प्रशासन की ओर से बधाइयाँ
विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री आशीष रंजन, सिनियर एकाउंटेंट अरुण कुमार त्रिपाठी, योगेन्द्र त्रिपाठी, शारदा प्रताप सिंह, और वाइस प्रिंसिपल डैरिक आर. के. धूलिया ने शक्ति दुबे की सफलता पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा—
“धन्यवाद बिटिया, आपने हमारे स्कूल का और देश का नाम ऊँचा किया। आप पर हम सभी को गर्व है। आपकी मेहनत और सफलता से वर्तमान और भावी छात्र-छात्राओं को नई प्रेरणा मिलेगी।”
प्रेरणा बन चुकी हैं शक्ति
शक्ति दुबे की सफलता उन सभी विद्यार्थियों के लिए एक मिसाल है जो कठिन परिस्थितियों में भी बड़े सपने देखते हैं। उन्होंने दिखाया है कि प्रतिबद्धता, निरंतरता और कड़ी मेहनत से कोई भी मंजिल दूर नहीं।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद न केवल विद्यालय परिसर बल्कि इरादतगंज, घूरपुर और समूचे प्रयागराज में हर्ष और उत्साह का माहौल है। लोग शक्ति दुबे की सफलता को अपनी जीत मानकर गर्व महसूस कर रहे हैं। आने वाले वर्षों में यह उम्मीद की जा रही है कि उनकी तरह और भी छात्र-छात्राएं देश सेवा की राह पर अग्रसर होंगे।