लखनऊ। इंदिरानगर क्षेत्र के चंदन गांव में युवक शाहनवाज (20) की हत्या का मामला सामने आया है। युवक का शव गोसाईगंज रेलवे ट्रैक पर पाया गया, जिसके बाद परिजनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर घर के बाहर शव रखकर रास्ता जाम कर दिया है। परिजनों का कहना है कि जब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं होंगे, तब तक वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
परिजनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की
मृतक के चाचा रहीम ने कहा कि शाहनवाज को उसके दोस्त शादी समारोह में ले गए थे और उन्हीं लोगों ने उसकी हत्या की है। उन्होंने आरोप लगाया कि उसके दोस्तों ने ही उसकी जान ली। जानकारी के अनुसार, शाहनवाज इंदिरानगर के चंदन गांव का निवासी था और ड्राइवरी का काम करता था।
शाहनवाज की हत्या की घटना
शाहनवाज की हत्या शुक्रवार रात को हुई। मृतक के चाचा रहीम ने बताया कि करीब रात 8 बजे शाहनवाज को मोहल्ले के प्रदीप और प्रभात नामक दोस्त शादी में गोसाईगंज ले गए थे। रात करीब 2 बजे गोसाईगंज थाने से सूचना मिली कि शाहनवाज का शव रेलवे ट्रैक पर मिला है। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो पाया कि शाहनवाज के हाथ और पैर पर गंभीर चोटें लगी थीं, जिससे हत्या की आशंका जताई जा रही है।
फोन पर आखिरी बातचीत
शाहनवाज के दोस्त महबूब आलम ने बताया कि रात 11:13 बजे शाहनवाज ने उसे फोन किया और बताया कि वह प्रभात, प्रदीप और फरीदीनगर के अन्य तीन लड़कों का नाम ले रहा था। शाहनवाज ने फोन पर बताया कि “इन लोगों ने गलत किया है,” और उसकी आवाज हांफ रही थी, ऐसा लग रहा था जैसे कोई उसका पीछा कर रहा हो। आलम ने शाहनवाज को सौ रुपए भेजे और अहमामऊ आने के लिए कहा, क्योंकि गोसाईगंज की दूरी ज्यादा थी। इस दौरान उसका मोबाइल बंद हो गया। फिर आलम ने प्रभात को कॉल किया, जिसने बताया कि वहां झगड़ा हुआ था और बीच-बचाव में उसे भी चोट आई है। प्रभात ने यह भी कहा कि वह शाहनवाज को खोजकर बताएगा।
मामले की जांच जारी
मृतक के पिता की शिकायत पर पुलिस ने प्रभात और अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। गोसाईगंज के इंस्पेक्टर ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि इस मामले में सभी पहलुओं की जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपी गिरफ्तार किए जाएंगे।
परिजनों का विरोध जारी
मृतक के परिजनों का गुस्सा इस समय शांत नहीं हो रहा है। वे लगातार आरोपी की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं और शव को अंतिम संस्कार के लिए नहीं ले जा रहे हैं, जब तक न्याय नहीं मिलता। पुलिस पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है, क्योंकि परिजनों का गुस्सा सड़कों पर नजर आ रहा है।