वाराणसी में आस्था और श्रद्धा का अद्भुत नजारा देखने को मिला, जब बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए 20 लाख से ज्यादा भक्त काशी पहुंचे। विश्व प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे मंदिर के चारों गेट पर लंबी कतारें लग गईं। गौदोलिया की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं की दो कतारें 5-5 किलोमीटर तक लंबी थीं, जबकि दशाश्वमेध घाट और गंगा द्वार पर भी 3 से 4 किलोमीटर तक लोग बाबा के दर्शन के लिए खड़े रहे।
काशी की गलियों में उमड़ा भक्तों का सैलाब
मंदिर परिसर ही नहीं, बल्कि काशी की संकरी गलियों में भी भक्तों की भीड़ देखने को मिली। गौदोलिया से लेकर गंगा घाट तक पूरा इलाका एक जॉन में तब्दील हो गया था, जहां किसी भी बाहरी वाहन की एंट्री पर रोक लगा दी गई थी। प्रशासन ने ट्रैफिक कंट्रोल के लिए विशेष इंतजाम किए थे, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो।
84 घाटों में से 20 घाटों पर भारी भीड़
गंगा के 84 घाटों में से 20 प्रमुख घाटों पर सबसे अधिक भीड़ देखी गई। दशाश्वमेध, मणिकर्णिका, अस्सी और पंचगंगा घाट पर हजारों की संख्या में लोग गंगा स्नान कर रहे थे। भक्तों का मानना है कि माघ मास में गंगा स्नान और बाबा विश्वनाथ के दर्शन का विशेष महत्व है। श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया और बाबा विश्वनाथ से अपने परिवार और देश की सुख-समृद्धि की कामना की।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
ऐसी विशाल भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और प्रशासन ने सख्त सुरक्षा प्रबंध किए थे। 2000 से अधिक पुलिसकर्मी, पीएसी के जवान और होमगार्ड तैनात किए गए थे। ड्रोन कैमरों से लगातार निगरानी की जा रही थी, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। स्थानीय प्रशासन ने मेडिकल और फायर ब्रिगेड की टीमें भी स्टैंडबाय रखी थीं।
काशी में भक्तिभाव का माहौल
पूरे शहर में भक्तिभाव का माहौल था। हर ओर बाबा विश्वनाथ के जयकारे गूंज रहे थे। मंदिर की ओर बढ़ते श्रद्धालुओं के हाथों में फूल, जल और प्रसाद था। पूरे वाराणसी में आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव किया जा सकता था।
काशी, जो वैसे भी अपनी धार्मिकता और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जानी जाती है, इस रविवार को एक अद्भुत आध्यात्मिक संगम स्थल बन गई। बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए दूर-दूर से आए श्रद्धालु इस अनूठे अनुभव से अभिभूत दिखे।
बाबा विश्वनाथ धाम में उमड़ी इस ऐतिहासिक भीड़ ने यह साबित कर दिया कि काशी अब भी भारत की धार्मिक राजधानी बनी हुई है। भक्तों की आस्था, उनकी श्रद्धा और प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्था ने इस आयोजन को सफल बनाया। इस दिव्य माहौल को शब्दों में बयां करना कठिन है, लेकिन वीडियो में यह नजारा और भी रोमांचक दिखाई देगा, जहां लाखों भक्त बाबा के दरबार में शीश नवाते नजर आ रहे हैं।