लखनऊ। निषाद पार्टी के प्रदेश सचिव धर्मात्मा निषाद की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। सोमवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ताओं ने लखनऊ के हजरतगंज चौराहे पर जोरदार प्रदर्शन किया। नाराज कार्यकर्ताओं ने निषाद पार्टी प्रमुख संजय निषाद का पुतला फूंककर उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि धर्मात्मा निषाद की मौत की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
सपा कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन
सोमवार दोपहर अचानक सपा कार्यकर्ता हजरतगंज चौराहे पर इकट्ठा हो गए। उन्होंने संजय निषाद के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। कार्यकर्ता अपने साथ संजय निषाद का पुतला भी लाए थे, जिसे उन्होंने पुलिस के पहुंचने से पहले ही आग के हवाले कर दिया। इसके बाद कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए और न्याय की मांग करने लगे।
प्रदर्शनकारी लगातार संजय निषाद के खिलाफ नारे लगा रहे थे। उनका कहना था कि धर्मात्मा निषाद की मौत की जिम्मेदारी संजय निषाद की है और समाज उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को लिया हिरासत में
हजरतगंज जैसे संवेदनशील इलाके में अचानक हुए इस प्रदर्शन से पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नारेबाजी करते रहे। इसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया और मौके से हटाया।
सपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि धर्मात्मा निषाद की मौत संदेहास्पद है और इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए। उन्होंने निषाद पार्टी प्रमुख संजय निषाद पर सवाल उठाते हुए कहा कि धर्मात्मा निषाद को इंसाफ मिलना चाहिए।
इस पूरे मामले में अब तक निषाद पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर हो गया है। देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में आगे क्या कदम उठाता है।