लखनऊ: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में “रामराज्य” की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि देश तेजी से बदल रहा है और सबसे अच्छी बात यह है कि उत्तर प्रदेश भी विकास के पथ पर अग्रसर है।
यूपी में 5 लाख करोड़ की सड़कों का निर्माण पूरा होगा
गडकरी ने कहा, “मैं उत्तर प्रदेश में 5 लाख करोड़ की सड़कों का निर्माण पूरा करना चाहता हूं। पैसे की कोई कमी नहीं है। जैसे महाभारत में द्रौपदी की थाली थी, चाहे कितने भी लोग भोजन करें, समस्या नहीं होती थी। वैसे ही मेरे पास धन की कोई कमी नहीं है। आप पैसे मांगते-मांगते थक जाएंगे, लेकिन मुझे देने में कोई समस्या नहीं होगी।”
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करते हुए कहा कि प्रदेश में हवा में चलने वाली बसें शुरू की जाएं। “मुझे पैसे नहीं चाहिए, सिर्फ अनुमति चाहिए। केशव प्रसाद मौर्य जी, आपके पास अर्बन डेवलपमेंट विभाग है, आप आइए, मैं हवा में चलने वाली बस को मंजूरी दूंगा। हमारा देश विश्वगुरु बनने वाला है। हम रहें या न रहें, लेकिन तेरा वैभव अमर रहे, मां… यही हमारा संस्कार है, यही हमारी प्रेरणा है।”
भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर क्रांति: राजनाथ सिंह
इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि लखनऊ में जमीन की कीमतें विश्व के टॉप-10 शहरों में शामिल हो गई हैं। अटल बिहारी वाजपेयी ने पहली बार ग्रामीण और शहरी विकास की चिंता की थी, जिसे आगे बढ़ाने का कार्य नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा, “नितिन गडकरी ने भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर क्रांति ला दी है।”
इसके साथ ही राजनाथ सिंह ने लखनऊ मेट्रो के विस्तार की योजना की भी घोषणा की और बताया कि जून से लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण शुरू होगा। यह उत्तर प्रदेश के औद्योगिक और रक्षा क्षेत्र के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
महाकुंभ से यूपी की अर्थव्यवस्था को 3 लाख करोड़ का लाभ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में महाकुंभ के आर्थिक प्रभाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “आस्था का सम्मान कैसे हो, यह हमने प्रयागराज के महाकुंभ में देखा है। देश की 140 करोड़ की आबादी में से 110 करोड़ लोग सनातन धर्म को मानने वाले हैं, जिनमें से 50 करोड़ से अधिक लोग डुबकी लगा चुके हैं। जब 50-55 करोड़ लोग उत्तर प्रदेश के महाकुंभ में जुड़ेंगे, तो इससे हमारी अर्थव्यवस्था को भारी लाभ होगा।”
उन्होंने बताया कि कुछ लोग प्रयागराज में हुए खर्च को लेकर सवाल उठाते हैं। “प्रयागराज महाकुंभ में केवल 1500 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। बाकी धनराशि प्रयागराज के बुनियादी ढांचे के विकास पर खर्च की गई है। मेरा अनुमान है कि महाकुंभ से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में 3 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है।”
योगी सरकार के विकास कार्य और भविष्य की योजनाएं
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि उनकी सरकार प्रदेश में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सड़क, बिजली, पानी और परिवहन व्यवस्था को आधुनिक बनाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश जल्द ही देश के सबसे बड़े लॉजिस्टिक हब के रूप में उभरेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने के साथ-साथ आधुनिक विकास परियोजनाओं को भी प्राथमिकता दे रही है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद पर्यटन में बड़ा उछाल देखने को मिल रहा है, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।
यूपी में बढ़ता निवेश और रोजगार के अवसर
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में निवेश तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि हाल ही में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में यूपी को लाखों करोड़ रुपये का निवेश मिला है। इससे प्रदेश में नई फैक्ट्रियों और उद्योगों की स्थापना होगी, जिससे लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा।
उन्होंने कहा, “आज उत्तर प्रदेश, इंफ्रास्ट्रक्चर और इन्वेस्टमेंट के मामले में देश के शीर्ष राज्यों में शामिल हो गया है। हमें इसे और आगे ले जाना है, ताकि प्रदेश के हर युवा को रोजगार मिल सके।”
नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ के बयानों से स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है। प्रदेश में सड़कों, मेट्रो, रक्षा उत्पादन, धार्मिक पर्यटन और औद्योगिक निवेश की दिशा में अभूतपूर्व प्रगति हो रही है। महाकुंभ और अन्य धार्मिक आयोजनों से अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ मिल रहा है। आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश देश के सबसे विकसित राज्यों में शामिल हो सकता है।