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महाकुंभ में अब तक 50 करोड़ श्रद्धालुओं ने किया स्नान, इतिहास का सबसे बड़ा आयोजन

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रिपोर्ट – परवेज आलम 

प्रयागराज। महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व वाले इस आयोजन में 33 दिनों के भीतर 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान कर चुके हैं। यह अब तक का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन बन चुका है। महाकुंभ 45 दिनों तक चलेगा और अभी 12 दिन और शेष हैं, जिसमें और अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।

दुनिया के सबसे बड़े आयोजनों को पीछे छोड़ा

महाकुंभ 2025 में उमड़ी भीड़ ने दुनिया के कई प्रसिद्ध आयोजनों को पीछे छोड़ दिया है।

  • ब्राजील में हर साल आयोजित होने वाले रियो कार्निवल में लगभग 20 लाख लोग प्रतिदिन शामिल होते हैं। यह कार्निवल 9 फरवरी से 17 फरवरी तक चलेगा।
  • जर्मनी में मनाया जाने वाला प्रसिद्ध अक्टूबर फेस्ट, जो 16 दिनों तक चलता है, इसमें करीब 70 लाख लोग शामिल होते हैं।
  • अमेरिका और चीन की कुल आबादी के बाद महाकुंभ में आने वाले लोगों की संख्या दुनिया में तीसरे स्थान पर आ गई है।

राजनीतिक और धार्मिक हस्तियों की भागीदारी

महाकुंभ केवल श्रद्धालुओं के लिए ही नहीं, बल्कि देश-विदेश की बड़ी हस्तियों के लिए भी आस्था का केंद्र बना हुआ है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी 16 फरवरी को संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, उनके आने का कार्यक्रम लगभग फाइनल हो चुका है और इसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पहले ही महाकुंभ में पहुंच चुके हैं और इसकी भव्यता को देखकर सराहना कर चुके हैं। योगी आदित्यनाथ लगातार व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं। हाल ही में लखनऊ में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी स्थिति में महाकुंभ जाने वाले रास्तों में जाम न लगे और श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर जाम की स्थिति बनती है, तो संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।

शुक्रवार को फिर उमड़ी भीड़, वीकेंड पर नया रिकॉर्ड बनने की संभावना

आज महाकुंभ का 33वां दिन है और सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। प्रशासन का अनुमान है कि वीकेंड (शनिवार और रविवार) पर भीड़ और अधिक बढ़ सकती है। गंगा स्नान के लिए आने वालों की संख्या को देखते हुए सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को मजबूत किया गया है।

स्वास्थ्य सुविधाएं और इमरजेंसी सेवाएं मुस्तैद

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को भी विशेष रूप से मजबूत किया गया है। गुरुवार को अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के ट्रस्टी परमानंद महाराज की तबीयत बिगड़ गई थी। सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें महाकुंभ में स्थित केंद्रीय अस्पताल लाया गया, जहां उन्हें आईसीयू में रखा गया। हालत गंभीर होने पर उन्हें एयरलिफ्ट कर दिल्ली के एम्स (AIIMS) भेजा गया।

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, अब तक लाखों लोगों को प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया जा चुका है। वहीं, आपातकालीन सेवाओं के लिए विशेष मेडिकल टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं।

धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम

महाकुंभ न केवल धार्मिक आस्था का संगम है, बल्कि यह सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयोजनों के लिए भी प्रसिद्ध है। रोजाना भजन-संध्या, कथा-प्रवचन, योग शिविर और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जा रहे हैं। भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों से आए संत और श्रद्धालु भी इन आयोजनों में भाग ले रहे हैं।

सरकार और प्रशासन के सहयोग से कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें लोक संगीत, नृत्य और पारंपरिक कलाओं की प्रस्तुति की जा रही है। इन कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए देशभर के कलाकार प्रयागराज पहुंचे हैं।

प्रयागराज में हाईटेक सुरक्षा व्यवस्था

इतिहास के सबसे बड़े महाकुंभ की सुरक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन ने हाईटेक इंतजाम किए हैं।

  • 50,000 से अधिक पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक बल तैनात हैं।
  • ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है।
  • सीसीटीवी कैमरों से पूरे क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है।
  • जल पुलिस और गोताखोरों की टीम गंगा घाटों पर तैनात है।
  • यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए गए हैं।

धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा

महाकुंभ के माध्यम से प्रयागराज और उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को भी नया आयाम मिला है। सरकार ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष ट्रेनों और बस सेवाओं की व्यवस्था की है। इसके अलावा, शहर में होटल, धर्मशालाओं और टेंट सिटी में रुकने की विशेष व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत और शक्ति का परिचायक है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में भी प्रयागराज महाकुंभ को और भव्य और सुव्यवस्थित बनाया जाएगा।

महाकुंभ के अगले 12 दिनों में और भी महत्वपूर्ण स्नान पर्व आने वाले हैं, जिनमें मुख्यतः माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि प्रमुख हैं। प्रशासन को उम्मीद है कि इन तिथियों पर श्रद्धालुओं की संख्या और अधिक बढ़ेगी।

इसके साथ ही, अगले कुछ दिनों में कई और प्रमुख राजनीतिक और धार्मिक हस्तियों के महाकुंभ में आने की संभावना है। महाकुंभ 2025 अब तक के इतिहास का सबसे बड़ा आयोजन बन चुका है और आने वाले वर्षों में यह आयोजन और भी भव्य होता रहेगा।

महाकुंभ 2025 न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक आयोजन साबित हो रहा है। 33 दिनों में 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की भागीदारी ने इसे सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन बना दिया है। सरकार और प्रशासन की कड़ी मेहनत से यह आयोजन अब तक पूरी तरह सुचारू रूप से चल रहा है। आने वाले दिनों में और भी ऐतिहासिक क्षण महाकुंभ में दर्ज किए जाएंगे।

 

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