वाराणसी – : गंगा घाटों पर बुधवार को एक बड़ा हादसा टल गया जब अस्सी घाट से मणिकर्णिका घाट की ओर जा रही एक छोटी नाव बड़ी नाव से टकरा कर पलट गई। नाव में सवार सभी 10 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। बड़ी नाव के संचालनकर्ता की सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई के चलते यह संभव हो पाया।
कैसे हुआ हादसा?
बताया जा रहा है कि छोटी नाव अस्सी घाट से 10 सवारियों को लेकर मणिकर्णिका घाट की ओर जा रही थी। रास्ते में गंगा नदी के बीच एक बड़ी नाव से उसकी टक्कर हो गई। इस टक्कर से छोटी नाव का संतुलन बिगड़ गया और वह पलटने लगी। नाव पर सवार लोगों ने लाइफ जैकेट पहन रखी थी, जिससे उन्हें पानी में सहारा मिला। बड़ी नाव के चालक ने तत्काल बचाव कार्य शुरू किया और सवारियों को बड़ी नाव में रेस्क्यू किया गया।
रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता
घटना की सूचना मिलते ही जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई। जल पुलिस प्रभारी एसआर गौतम ने बताया कि छोटी नाव में 10 से 12 लोग सवार थे। सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान छोटी नाव धीरे-धीरे डूबने लगी, लेकिन सभी सवारियों को समय रहते बचा लिया गया। कुछ सवारियों को मामूली चोटें आईं, जिन्हें तुरंत अस्पताल भेजा गया।
जल पुलिस और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीमों ने पूरे क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया। छोटी नाव को गंगा नदी से बाहर निकालने का प्रयास जारी है। एडीसीपी काशी जोन, सरवणन टी ने कहा कि यह घटना बड़ी नाव और छोटी नाव के बीच टक्कर के कारण हुई। उन्होंने बताया कि नाव में 11 लोग सवार थे, जिन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।
चोटिल सवारियों का इलाज
कुछ सवारियों को हल्की चोटें लगी हैं, जिन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि सभी लोग खतरे से बाहर हैं। प्रशासन ने नाव दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नाविकों को सावधानी बरतने और नाव संचालन के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन करने की सलाह दी है।
सुरक्षा के प्रति प्रशासन सतर्क
इस घटना के बाद प्रशासन ने गंगा में नाव संचालन को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी करने की बात कही है। नाविकों को लाइफ जैकेट की अनिवार्यता और नावों की नियमित जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
गंगा घाटों पर यह घटना सभी के लिए चेतावनी है कि जल परिवहन के दौरान सावधानी और सुरक्षा उपकरणों का उपयोग कितना महत्वपूर्ण है। स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि वे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सतर्कता बढ़ाएंगे और नाव संचालन को और सुरक्षित बनाएंगे।
हालांकि, इस हादसे में किसी की जान नहीं गई, लेकिन यह घटना जल परिवहन की सुरक्षा और सावधानी पर गंभीर प्रश्न उठाती है। प्रशासन और स्थानीय नागरिकों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि गंगा घाटों पर नाविक और सवार दोनों सुरक्षा नियमों का पालन करें ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाएं रोकी जा सकें।