Breaking News

आज़मगढ़ : एसकेडी में मना जन्माष्टमी पर्व, नटखट  नन्दलाल की बाल लीलाओं ने किया भावविभोर

0 0

आज़मगढ़ , जहानागंज। क्षेत्र के धनहुंआ स्थित एसकेडी विद्या मन्दिर एवं एसकेडी इण्टर काॅलेज में आगामी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व के मद्देनजर छात्र/छात्राओं द्वारा मोहक झांकी के साथ नृत्य गायन आदि के माध्यम से भगवान की विभिन्न लीलाओं को प्रस्तुत किया गया। जिसे देखते हुए लोग भाव विभोर हो रहे थे। इस अवसर पर विद्यालय के प्रबन्धक एवं प्रधानाचार्य द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के जीवन दर्शन पर विस्तृत प्रकाश भी डाला गया।
कार्यक्रम की शुरूआत भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप के पूजन अर्चन से हुई। इसके पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रमों का जो सिलसिला चला वह काफी देर तक चलता रहा। नटखट नन्दलाला के रूप में सजे बच्चों ने जब गोविन्दा आला रे पर नृत्य प्रस्तुत किया तो उपस्थित लोग झूमने लगे। गोपियों के रूप में सजी नर्सरी से यूकेजी तक की बच्चियों ने गोकुल की गलियों में मच गया शोर पर शानदार नृत्य प्रस्तुत किया वहीं प्राथमिक कक्षाओं से छात्र/छात्राओं द्वारा आज राधा को श्याम याद आ गये पर जोरदार नृत्य प्रस्तुत किया गया। लोअर क्लासों के सभी बच्चे बच्चियां बालकृष्ण और राधा रानी के रूप में सजकर काफी आकर्षक लग रहे थे। भगवान के जीवन दर्शन को दर्शाती हुए विभिन्न झाकियों में वासुदेव और देवकी को कारागार में दर्शाती हुई झाकी, यमुना तट की झाकी तथा वृंदावन के उपवन को दर्शाती हुई झाकी मन को मोह ले रही थी। ओखल में बंधे नटखट कन्हैया की झाकी तो सबका मन मोह ले रही थी। पिरामिड बनाकर जब बच्चों द्वारा दही की  हांडी फोड़ी गयी तो सभी लोग आनन्दित हो गये।  एसकेडी विद्या मन्दिर में सेजल, रिया, वंशिका, दिव्यांशी, कृतिका, तेजस, आरोही, जान्हवी, अंशिका शुभम  आदि की प्रस्तुति काफी सराहनीय रही। वहीं एसकेडी इण्टर काॅलेज में साक्षी, स्नेहा, संजना, आयुशी, अल्का, प्रांजल, शुभम आदि की प्रस्तुति ने काफी प्रभावित किया।
अपने उद्बोधन में विद्यालय के संस्थापक एवं प्रबन्धक विजय बहादुर सिंह ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म ऐसे समय हुआ जब कंस सहित अनेक राक्षसी प्रवृति के दुष्टों के अत्याचार से लोग त्रस्त थे। इनका संहार करते हुए भगवान ने यह संदेश दिया कि जुल्म और अत्याचार को सहन करते हुए जो समाज जीना सीखता है वह मिट जाता है। गीता के रूप में जो ज्ञान उन्होनें दिया उसकी प्रासंगिता तब तक कायम रहेगी जब तक यह मानव सभ्यता है। विद्यालय के प्रधानाचार्य कुवंर आलोक सिंह एवं केके सरन ने भी भगवान श्रीकृष्ण के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम को सफल बनाने में श्रीकान्त सिंह, दिनेश, संतोष, सुरभी, अपराजिता, प्रियंका, संगीता, नेहा, वर्तिका, रेनू आदि का योगदान काफी सराहनीय रहा।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
0Shares

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published.