तारीख 14 अगस्त ….आजमगढ़ का नेहरूहाल खचाखच भरा हुआ ….संविधान मान स्तम्भ के स्थापना का दिन …वो कार्यक्रम जिसका आदेश खुद अखिलेश यादव ने दिया था …सपा के कई विधायक …नेता .और कार्यकर्ताओं के साथ ही ….आजमगढ़ के सांसद और अखिलेश यादव के भाई धर्मेन्द्र यादव भी कार्यक्रम में मौजूद थे …गोपालपुर के विधायक नफीस अहमद माइक पर थे ..तभी कुछ ऐसा होता है …जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की थी …..सामने बैठे कार्यकर्ताओं में से किसी ने कुछ ऐसा बोला कि विधायक नफीस अहमद बिदक गए और गुस्से और गम से लाल हो गए … उन्हें भी अंदाज़ा नहीं था कि कोई विधायक के संबोधन के दौरान ऐसा बोलेगा ..और उन्हें बोलने से रोकने कि कोशिश करेगा …वहां मौजूद पार्टी के सीनियर लीडर , पार्टी के अन्य विधायकों …नेताओं …कार्यकर्ताओं और खुद सांसद धर्मेन्द्र यादव को भी ये अंदाज़ा नहीं था ..कि गुस्से में विधायक नफीस अहमद कुछ ऐसा बोल जायेंगे …कि अखिलेश यादव की पीडीए मुहीम पर ही सवालिया निशान लग जाएगा …विधायक नफीस ने कहाकि मुझे बोलने से रोका जाएगा। क्या मुसलमानों को बोलने का अधिकार नहीं है? मैं बोलूंगा तो इनके पेट में दर्द होगा। बताइए ऐसा होगा..ये देखकर सुनकर सांसद धर्मेन्द्र यादव भी हैरतज़दा हो गए …वहां मौजूद किसी को भी ये अंदाज़ा नहीं था कि जिस पार्टी से नफीस अहमद विधायक और मंत्री बनाया ..मौजूदा समय में भी वो विधायक हैं ..उन्होंने ने ही कह दिया मुझे बोलने से रोका जाएगा…..क्या मुसलमानों को बोलने का अधिकार नहीं है…..मैं बोलूंगा तो इनके पेट में दर्द होगा। बताइए ऐसा होगा….नफीस अहमद का ये बोलना था कि भाजपा बुरी तरह से समाजवादी पार्टी पे हमलावर हो गयी …भाजपा के कई नेताओं का बयान भी आ गया कि जो सपा सुप्रीमों पीडीए की माला जपते नहीं थकते थे …जिस नारे का तोड़ भाजपा भी नहीं खोज पायी थी और यूपी में 80 का नारा देकर 33 पर सिमट गयी थी …अखिलेश यादव के उस पीडीए के नारे की हवा उनके विधायक और कार्यकर्ता ही निकाल देंगे ..
तो देखा आपने …क्या सच में समाजवादी पार्टी में मुसलमानों को बोलने का अधिकार नहीं है….ये आरोप तो सपा विधायक नफीस अहमद के थे …और इसका जवाब खुद नफीस अहमद के ही पास था ….बहरहाल कार्यक्रम से बाहर निकलते ही सपा विधायक ने आल इज वेल कहकर मामले को रफादफा करने की कोशिश की …लेकिन शायद तबतक देर हो चुकी थी …..दरअसल लोग समझ रहे थे कि ये मामला रदा – दफा हो गया …लेकिन ऐसा नहीं हुआ …जिस व्यक्ति ने विधायक नफीस अहमद को रोका था और कहा था कि हम सांसद धर्मेन्द्र यादव को सुनने आये हैं …आज वो व्यक्ति जिसका नाम राम समुझ विश्वकर्मा है ..उसने कोतवाली पहुंचकर तहरीर देते हुए अपने साथ मारपीट का आरोप लगाया है …राम समुझ विश्वकर्मा ने कहाकि मैं समाजवादी पार्टी का पुराना कार्यकर्ता और सक्रिय सदस्य हूँ ..कार्यक्रम वाले दिन हम लोग समय से पहुँच गए थे …वक़्त काफी हो गया था …विधायक जी भी अपना संबोधन दे रहे थे ..हम लोग भूखे प्यासे बैठे थे ..तो मैंने सिर्फ इतना कहाकि हम सब धर्मेन्द्र जी को सुनना चाहते हैं …इसके बाद मुझे वहां से निकला दिया गया ..राम समुझ विश्वकर्मा ने कहाकि हम लोग चुनाव में अपने नेताओं को जिताने के लिए जान लगा देते हैं और हमें ऐसा सिला मिला …उन्होंने कहाकि विधायक के समर्थकों ने मेरे साथ मारपीट की है …खैर कल सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव आजमगढ़ के दौरे पर आ रहे हैं ….ऐसे में समाजवादी पार्टी आजमगढ़ के नेता और कार्यकर्ता विवाद में उलझे हैं ..जिससे सिर्फ सपा को नुकसान और पीडीए अभियान को झटका भी लग सकता है …
Average Rating