फतेहपुर :- कभी-कभी माता-पिता के सामने ऐसा वक्त आ जाता है कि वह दर-दर भटकने के लिए विवश हो जाते हैं। रामपुर थरियांव गांव के रहने वाले एक दम्पति के सामने ऐसा ही एक मोड़ आ गया। उनका मासूम पुत्र मस्कुलर जिस्टोपी बीमारी से जूझ रहा है। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होगा वह अपंगता का शिकार हो जाएगा। पीजीआई के चिकित्सकों ने बच्चे का इलाज विदेश में कराने की सलाह दी। जहां उसे सोलह करोड़ रूपये का इंजेक्शन लगेगा। इस रकम को इकट्ठा करने के लिए माता-पिता दर-दर भटक रहे हैं। उन्होने सदर विधायक विक्रम से मुलाकात की। सदर विधायक ने मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री से मदद दिलाए जाने का भरोसा दिलाया।
बताते चलें कि रामपुर थरियांव गांव के ज्ञानेंद्र सिंह व उनकी पत्नी पिंकी सिंह का एक 6 वर्षीय पुत्र मयंक सिंह है। जब उनका बेटा अचानक लड़खड़ा कर गिरने लगा तो यह देखकर वह घबरा गए और उसे प्रयागराज स्थित एक हॉस्पिटल में दिखाया। जहां से उन्हें पीजीआई के लिए डॉक्टरों ने रिफर कर दिया। पीजीआई के डॉक्टरों को जांच में पता चला कि मस्कुलर जिस्टोपी बीमारी से बच्चा जूझ रहा है। बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होगा, मांस विकास नहीं कर पाएगा। पीजीआई के डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी का इलाज भारत में संभव नहीं है। इसका इलाज विदेश में हो सकता है लेकिन उसके लिए 16 करोड़ रुपए का इंजेक्शन लगाया जाएगा। माता-पिता इतनी बड़ी रकम जुटा पाने में असमर्थ हैं। माता-पिता दर-दर भटकते हुए सदर विधायक विक्रम सिंह के आवास पहुंचे और सारी बातें बताई। इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए सदर विधायक ने मुख्यमंत्री ही नहीं प्रधानमंत्री तक बात पहुंचाने का आश्वासन दिया। ज्ञानेंद्र ने बताया कि अब तो उन्हें सदर विधायक विक्रम सिंह का ही सहारा है। ताकि उनके बेटे का इलाज संभव हो सके।
Average Rating