आज़मगढ़ :- बीमार के इलाज में डॉक्टर और दवाओं के साथ-साथ नर्सेस का भी योगदान कम नहीं होता है। उन्हें ही सम्मान दिलाने के मकसद से दुनियाभर में हर साल 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day 2024) मनाया जाता है ….इसी कड़ी में आज़मगढ़ जिले में सदर महिला अस्पताल में आज अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस पर हर साल की तरह इस बार भी 12 मई को मनाया गया ……यह दिन आधुनिक नर्सिंग की नींव रखने वाली फ्लोरेंस नाइटिंगेल की जयंती है … अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में नर्सों के महत्व को उजागर करना है..इसी कड़ी में जिला महिला अस्पताल में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर तैनात स्मिता राय ने बताया कि आज हम सबने नर्सेस डे के तौर पर आज के दिन को मनाया है . उन्होंने चिकित्सा अधीक्षक , मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने इस अवसर पर भरपूर सहयोग मिला . पहली बार जिला महिला चिकित्सालय पर इस तरह से इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया है ..स्मिता राय ने कहाकि इस दिन हम फ्लोरेंस नाइटिंगेल के आदर्शों , अपने कर्तव्यों को , फ्लोरेंस नाइटिंगेल के बनाए गए चिकित्सीय सेवाओं के मानकों पर चलने का प्रयास करते हैं . स्मिता राय ने कहाकि समाज में नर्सों की बड़ी महत्पूर्ण भूमिका है . हम समाज को बेहतर सेवायें देने के लिए कृतसंकल्पित हैं . हम हमेशा अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत रहते हुए अपने फर्ज को अंजाम देंगे .
दरअसल, 1820 में इसी दिन मॉडर्न नर्सिंग की जन्मदाता फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म हुआ था। यही वजह है कि इस दिन को समाज और हेल्थकेयर इंडस्ट्री में नर्सों के योगदान को याद करने, इस प्रोफेशन को बढ़ावा देने और नर्सेस को सम्मान देने के मकसद से 1974 में इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेस द्वारा इसे मनाने की घोषणा की गई….यह दिन इन मेहनती पेशेवरों के योगदान की याद दिलाता है, जिनके बिना स्वास्थ्य सेवाएं अधूरी हैं। कोविड महामारी में भी आपने देखा होगा, कि कैसे फ्रंटलाइन में खड़े होकर यह लोग हर एक जिंदगी को बचाने की कोशिश कर रहे थे….
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