उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ने इस दिशा में और ज्यादा पहला किया है। गांधी कहते थे कि खादी वस्त्र नहीं विचार है, वह विचार है अपने स्वदेशी का, वह विचार है लोकल को वोकल बनाए जाने का, जिससे कि हमारे गांव की जो उपलब्धियां है, उसको बहुत दूर-दूर तक प्रसारित कर सके और उस दिशा में कार्य कर सके। इसलिए आज यहां मंडलीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी का आयोजन हुआ है। सरकार प्रयास कर रही हैं कि सभी मंडलों के भीतर इस तरह की प्रदर्शनी का आयोजन किया जाये। उन्होंने कहा कि जनपद आजमगढ़ में एक जनपद एक उत्पाद के अंतर्गत मुबारकपुर की साड़ी एवं निजामाबाद की ब्लैक पॉटरी का जो कारोबार है, पिछले वर्षों के भीतर इसको भी यहां के जिला प्रशासन ने उसको काफी बढ़ाने का कार्य किया है। इनके भीतर और अच्छी प्रतिस्पर्धा हो सके, इस दृष्टि से सरकार ने कुछ कार्यों के लिए फैसिलिटेशन सेंटर के रूप में भी बनाए जाने का प्रयास किया है। फैसिलिटेशन सेंटर के माध्यम से जो उद्यमी सक्षम नहीं है, वे इसके माध्यम से सरकार द्वारा दी गई व्यवस्था के अंतर्गत जो मशीनरी होगी, उसका इस्तेमाल करेंगे और जो न्यूनतम उसका किराया होगा, उसको देंगे और जिससे उनको भी कार्य करने में सुविधा हो जाएगी। उन्होंने सभी लोगों से अपील किया कि जो लोग आज यहां पर आएं, तो कम से कम एक सामग्री यहां से अवश्य ही खरीद कर अपने साथ लेकर जाये, इससे कार्य करने वाले ग्रामीण कलाकारों के भीतर कार्य करने का उत्साह बढ़ेगा। प्राचार्य/प्रदर्शनी प्रभारी पवन कुमार श्रीवास्तव द्वारा बताया गया कि इस प्रदर्शनी में सूती खादी, खादी रेशम, खादी पोली, खादी रेडीमेड वस्त्र लेडीज और जेन्ट्स, हर्बल उत्पाद, अचार मुरब्बे, कास्मेटिक्स एवं जूते आदि के स्टाल लगाये गये है, साथ ही खादी वस्त्रों पर विशेष छूट भी उपलब्ध है। इस अवसर पर जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज, अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 आजाद भगत सिंह, एसपी सिटी शैलेन्द्र लाल, एसडीएम सदर ज्ञानचन्द गुप्ता, उप कृषि निदेशक मुकेश कुमार, जिला कृषि मण्डलीय ग्रामोद्योग अधिकारी श्री रामकृपाल यादव सहित संबंधित अधिकारीगण एवं जन प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।
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आजमगढ़ : खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी का मंत्री ने किया शुभारम्भ
आजमगढ़। डी०ए०वी डिग्री कालेज के मैदान में आयोजित मण्डल स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी का शुभारम्भ मंत्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवलित करके किया गया।
अपने संबोधन में मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि मंडल स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी 15 दिवस के लिए लगाया जा रहा है, इस प्रदर्शनी के माध्यम से खादी उत्पादों को आम जन तक पहुंचाने में सुविधा होगी। उन्होंने कहा की खादी का रिश्ता हमारे आजादी के लड़ाई से ही जुड़ा हुआ है। उन्होने कहा कि महात्मा गाँधी ने ब्रिटेन के औद्योगीकरण के बाद जब वह अपना अध्ययन पूरा करके भारत वापस आए, तो उन्होंने स्वदेशी के ऊपर बहुत ही बल दिया और स्वदेशी के माध्यम से जो अपने देश का कुटीर उद्योग-धंधा था, उसको बढ़ाया जाना और विशेष रूप से जो भारत के लिए प्रसिद्ध हमारा ढाका का जो मलमल रहा है, वह भी हथकरघा के रूप में खादी का ही एक हिस्सा रहा है। जितना महीन कार्य मशीन नहीं कर पाती थी, उससे भी ज्यादा महीन कार्य हमारे देश के लोग करते थे हमारे देश के ढाका का मलमल पूरी दुनिया के भीतर प्रसिद्ध था, उसको जीवंत करने के लिए जागृत करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में हमारे कुटीर उद्योग-धंधे बढे। महात्मा गांधी ने चरखे से इसकी शुरूआत किया था और कहा था कि कम से कम अपने दिनचर्या के भीतर एक घंटा आप सूत काटिये, जिससे कि स्वदेशी वस्त्र को आप धारण कर सकें।
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