योगी सरकार का फरमान बेअसर , विभागीय कार्यवाइयों के बाद भी चल रहे हैं फर्जी मदरसे और स्कूल , शासन और प्रशासन का खौफ बेअसर , कुम्भकर्णी नींद में सो रहा है प्रशासन …
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मदरसों के आधुनिकीरण के साथ साथ प्रदेश भर में मदरसों के पंजीकरण तथा उनकी वैधता के जांच के भी आदेश दिए थे . जिसमे प्रदेश भर में मदरसों की जांच की गयी ..कई कार्यवाही के जद में आ गए ..कई पर तलवार लटक रही है …इसी क्रम में आज़मगढ़ जिले में भी 313 मदरसों की जांच में 219 मदरसे केवल कागजों पर चलते मिले थे, और ज़मीन पर नदारद थे .. लेकिन अब अदालत के फ़ैसले से फर्जी मदरसा संचालकों की मुसीबत बढ़ गई है। निदेशालय का आदेश मिलते ही जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग फर्जी मदरसा संचालकों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करायेगा।
इन सबके बीच आज़मगढ़ जिले के लालगंज क्षेत्र नारायण पुर नेवादा में अलग ही मंज़र देखने को मिल रहा है . यहाँ पर चल रहे जामिया फैज़े आम ज़मीन पर तो है , लेकिन न तो बेसिक शिक्षा विभाग और न ही मदरसा बोर्ड में ही इसका कहीं रजिस्ट्रेशन है …और बड़ी ही आसानी से प्रशासन की आँख में धूल झोंककर इसे संचालित किया जा रहा है …साल १९७४ -७५ में क्षेत्र के ……….सगीर अहमद ने अब्बास मुस्लिम एजुकेशनल सोसाइटी बनाकर 9 गाँव व कस्बों के जनसहयोग से 5 बीघा ज़मीन खरीदकर क्षेत्र के बच्चों की आधुनिक शिक्षा के लिए फैज़े आम जूनियर हाई स्कूल बनाया …ये उस दौर की कहानी है जब खासकर के मुस्लिम समुदाय के बच्चों के लिए कोई बड़ा स्कूल नहीं था …ऐसे समय में 9 गाँव व कस्बे जिनमे कटौली कलान , कटौली खुर्द , दौना , बैरिडीह , सलहरा , बसाहीन इकबालपुर , बनारपुर लालगंज , देवगांव के लोगों ने जमकर मदद भी की ..सगीर अहमद का मुस्लिम बच्चों के एजुकेशन का सपना एक राह पकड़ चुका था … इसी दौरान १९९८ में स्कूल में आंबेडकर नगर जिले के निवासी मौलाना हबीबुर्रहमान को सगीर अहमद बतौर अध्यापक लेकर आये ..वो स्कूल की देख रेख भी करते थे ..उम्र बढ़ने के साथ ही सगीर अहमद स्वास्थ्य कारणों से स्कूल में पहले जैसा दखल नहीं दे पा रहे थे ..या यूँ कहें की स्कूल की सारी बागडोर मौलाना हबीबुर्रहमान ने अपने हाथ में ले लिया …आगे चलकर मौलाना हबीबुर्रहमान ने फैज़े आम जूनियर हाई स्कूल को धीरे – धीरे मदरसे की शक्ल देना शुरू किया ..क्षेत्र के लोगों को धार्मिक रूप से प्रेरति करते हुए .. फैज़े आम जूनियर हाई स्कूल को पूरी तरह से मदरसे में बदल दिया और नाम रखा जामिया फैजे आम ..इस बात को लेकर अब्बास मुस्लिम एजुकेशनल सोसाइटी के लोगों ने बराबर हस्तक्षेप कर विरोध किया , लेकिन मौलाना हबीबुर्रहमान नहीं माने .. इसी बीच विगत १३ मई को मौलाना हबीबुर्रहमान पर गंभीर और शर्मनाक आरोप लगा , जिसमे स्थानीय प्रशासन ने बच्चियों के वाशरूम से सटे मौलाना के एक कमरे में ताला बंद कर दिया ..विवाद गहराया तो अब्बास मुस्लिम एजुकेशनल सोसाइटी के ज़िम्मेदारों ने उप जिलाधिकारी को प्रार्थनापत्र देकर कार्यवाही की मांग की है …इस प्रार्थनापत्र में मौलाना हबीबुर्रहमान पर अब्बास मुस्लिम एजुकेशनल सोसाइटी के लोगों ने मौलाना हबीबुर्रहमान पर वित्तीय गड़बड़ी का आरोप भी लगाया और कहाकि आजतक इन्होने कोई भी हिसाब – किताब अब्बास मुस्लिम एजुकेशनल सोसाइटी को नहीं दिया ..सोसाइटी के लोगों ने मदरसे के धन का दुरपयोग और मौलाना हबीबुर्रहमान के चरित्र पर भी सवाल किया था ..जिसकी वजह से तहसील प्रशासन ने बच्चियों के वाशरूम से सटे मौलाना के एक कमरे में ताला बंद कर दिया … सोसाइटी के लोगों ने ये भी आरोप लगाया है कि मदरसे के पैसे से जो जन सहयोग के तौर पर आया था , उसका दुरुपयोग करते हुए कई बीघा ज़मीन अपने नाम से खरीडा है ..इन्ही सब गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए मौलाना हबीबुर्रहमान को स्कूल से हटाने की भी माँग किया गया है ..जिसमे प्रशासन की जांच में जब मौलाना से साक्ष्य माँगा गया तो वह देने में नाकाम रहे …
वहीँ अब्बास मुस्लिम एजुकेशनल सोसाइटी के ज़िम्मेदारों ने एक बैठक बुलाकर यह तय किया है कि मौलाना हबीबुर्रहमान जब तक स्कूल से हट नहीं जाते तब तक हम चुप नहीं बैठेंगे .. अब्बास मुस्लिम एजुकेशनल सोसाइटी के सदस्य शहजाद आलम ने बताया कि मौलाना हबीबुर्रहमान के पास कोई न्युक्ति पत्र भी नहीं है . अब वह पूरे स्कूल पर कब्जा करके बैठे हैं…वह जन सहयोग से मिले धन का गलत इस्तेमाल करते हुए अपने नाम पर ज़मीने ख़रीद रहे हैं . मदरसे में जमकर घोटाला कर रहे हैं …हम चाहते हैं कि जैसा उत्तर प्रदेश सरकार की गाईडलाइन्स हैं उसके आधार पर हम यहाँ पर स्कूल को संचालित करें . शहजाद आलम ने मौलाना हबीबुर्रहमान पर आरोप लगाते हुए कहाकि उनका चाल चरित्र भी ठीक नहीं और इस मामले में ही उनके आराम गाह को तहसील प्रशासन ने बंद करवाया है , क्योंकि लोक लाज के भय से किसी ने पुलिस को शिकायत नहीं किया , नहीं तो मौलाना हैबुर्ररहमान अब तक जेल में होते ..बहरहाल ऐसे व्यक्ति के मदरसे में रहने से अब्बास मुस्लिम एजुकेशनल सोसाइटी..का नाम खराब हो रहा है इसे हम हरगिज नहीं होने देंगे .
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