फतेहपुर। न्यायालयों में न्यायिक सुधार कराए जाने की मांग को लेकर गुरूवार को सिविल अधिवक्ता मंच के पदाधिकारियों एवं वादकारियों ने जिलाधिकारी के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।
सिविल अधिवक्ता मंच के प्रांत संयोजक आरपी मौर्या एडवोकेट की अगुवाई में पदाधिकारी व वादकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपकर बताया कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने टिप्पणी किया है कि न्यायालयों में न्याय की देरी में काफी हद तक प्रदेश सरकारें दोषी हैं। इसलिए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से मंच ने मांग किया कि सिविल प्रोसीजर कोड व राजस्व कोड के अलावा सीआरपीसी आदि में न्यायिक सुधार हेतु तुरंत संशोधन किया जाए ताकि पक्षकारों की तामीली एवं साक्ष्य निर्णय में देरी समाप्त हो, वादकारियों के प्रति अदालतों द्वारा संवेदनशील रवैया अपनाकर टाइम बाउंड फैसलों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, सभी नए दायरा वादों में स्थगन प्रार्थना पत्रों संग अन्य आवश्यक प्रार्थना पत्रों पर तत्काल मेरिट पर निस्तारण किया जाना अनिवार्य किया जाए, बढ़ती आबादी के चलते बढ़े वादों हेतु विभिन्न स्तर पर सिविल, राजस्व व क्रिमिनल न्यायालयों की संख्या बढ़ाई जाए और पुराने पेंडिंग वादों पर प्रथमतः सुनवाई कराई जाए, न्यायालयों को प्रशासनिक कार्य से मुक्त रखा जाए तथा न्यायालयों में न्यायिक अधिकारियों की कमी की पूर्ति प्रत्येक जिले से वरिष्ठ अधिवक्ताओं को गैर जनपदों में न्यायिक पद तीन वर्ष का देकर वादों का निस्तारण कराया जाए। इस मौके पर हेमंत कुमार एडवोकेट, राजेश कुमार मौर्या, ओम प्रकाश एडवोकेट, उमेश चंद्र एडवोकेट, चंद्र कुमार पांडेय, महेश चंद्र त्रिपाठी, सुशील कुमार, श्रीचंद्र कुशवाहा, हरिमोहन, अशोक कुमार, रहिमान, राजाराम, बृजेंद्र कुमार, चमेलीदेवी, सुशील रस्तोगी सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
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