हथगाम/फतेहपुर। क्षेत्र के रायपुर मुआरी में एक शाम अदब के नाम मुशायरा एवं कवि सम्मेलन में आए कवियों शायरों ने एक से बढ़कर एक कलाम सुनाए। प्रदेश के खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ धुन्नी सिंह ने शमा जलाकर इसका शुभारंभ किया। उन्होंने कवियों को समाज का सबसे बड़ा सुधारक बताया। विशिष्ट अतिथि के रूप में ब्लाक प्रमुख मनभावन शास्त्री भी उपस्थित रहे।
समाजसेवी मोइन सागर की अध्यक्षता, प्रधान अशफाक खान गुड्डू, पप्पू मुआरी, एकता ग्रुप रायपुर मुआरी ने पांचवा अखिल भारतीय मुशायरा कवि सम्मेलन का आयोजन किया। मुजफ्फरनगर से आए इंटरनेशनल मुशायरे पढ़ रहे खुर्शीद हैदर आकर्षण का केंद्र रहे। उन्होंने एक से बढ़कर एक कलाम सुनाए और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया ‘‘गैर परों पर उड़ सकते हैं हद से हद दीवारों तक, अंबर पर तो वही उड़ेंगे जिनके अपने पर होंगे। उन्होंने नाते पाक से मुशायरे का आगाज किया। आलम सुल्तानपुरी ने जबरदस्त शायरी की ‘‘चले तो साथ में राहों से कट गए हम लोग, न जाने कितने कबीलों में बंट गए हम लोग।’’ बड़े शायरों में शुमार अफजल इलाहाबादी ने पढ़ा ‘‘मेरी तामीर मुकम्मल नहीं होने पाती, कोई बुनियाद हिलाता है चला जाता है।’’ मखदूम फूलपुरी ने पढ़ा ‘‘कर न पाए तुम्हें फोन सच है मगर, ये भी सच है कभी तुमको भूले नहीं।’’ कार्यक्रम के संचालक कवि एवं शायर शिवशरण बंधु हथगामी ने पढ़ा ‘‘जुगनू से हमने काम चला तो लिया मगर, अफसोस है कि हाथ से सूरज निकल गया।’’ हास्य के पुरोधा मधुप श्रीवास्तव नर कंकाल, समीर शुक्ला के अलावा फलक सुल्तानपुरी, शरीफ शहबाज, डॉ वारिस अंसारी, अशफाक अहमद शैदा मुआरवी, सईद अहमद सईद ने एक से बढ़कर एक कलाम पेश किए। इस मौके पर संतोष नेता, नफीस प्रधान टिकरी, हामिद अली, व्यापार मंडल अध्यक्ष शिवचंद्र शुक्ल, अकमल, रियाज़, कलीमुल्लाह, प्राचार्य रमेश चंद्र, अमिताभ शुक्ला, शहंशाह आब्दी, रामबाबू यादव, प्रधान अब्दुल कलीम, प्रधान मुर्ताब खान, मुन्नालाल गौतम, मतोला सिंह, फिरोज सिद्दीकी, फखरुल हसन, परवेज आलम, फिरोज अहमद आदि अनेक प्रतिष्ठित लोगों ने भी का पाठ का आनंद लिया। विशिष्ट अतिथि ब्लाक प्रमुख मनभावन शास्त्री ने कार्यक्रम की सराहना की। कार्यक्रम के अध्यक्ष मोइन सागर ने आभार प्रकट किया।