आजमगढ़ से बड़ी खबर — मानवता की मिसाल बने शाह आलम ‘गुड्डू जमाली’!
आज़मगढ़ जिले के जहानागंज ब्लॉक के कारीसाथ गांव में सोमवार को समाजवादी पार्टी के एमएलसी और पूर्व विधायक शाह आलम गुड्डू जमाली ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की। पिछले दिनों आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसान धनश्याम यादव ने आत्महत्या कर ली थी। इस हृदयविदारक घटना की जानकारी मिलते ही गुड्डू जमाली स्वयं उनके घर पहुंचे और शोकसंतप्त परिवार से मुलाकात की।
उन्होंने किसान की पत्नी प्रमिला यादव को ढांढस बंधाते हुए कहा, “गरीबों और किसानों के आँसू पोंछना ही मेरी असली राजनीति है।” इस दौरान उन्होंने परिवार की आर्थिक सहायता के रूप में ₹25,000 रुपये का चेक भेंट किया।

गुड्डू जमाली ने कहा कि किसान समाज देश की रीढ़ है, और अगर वही दुख में डूब जाए तो समाज का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाता है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वे परिवार की आगे की हर संभव मदद करेंगे और प्रशासन से भी सहयोग की अपील करेंगे ताकि ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों।
इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधानसभा अध्यक्ष शोभनाथ यादव, पार्टी कार्यकर्ता चंद्रशेखर यादव ‘गुल्लू’, ग्राम प्रधान प्रेम कुमार, समाजसेवी श्रीकृष्ण राम शास्त्री सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे। सभी ने गुड्डू जमाली के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि राजनीति में ऐसे जनप्रतिनिधि बहुत कम मिलते हैं, जो अपनी कमाई और पद दोनों को जनता की सेवा के लिए समर्पित कर दें।
गौरतलब है कि शाह आलम गुड्डू जमाली दो बार के विधायक और वर्तमान में एमएलसी हैं। उनकी पहचान गरीबों और ज़रूरतमंदों के मसीहा के रूप में होती है। यह बात उल्लेखनीय है कि उन्होंने आज तक न तो विधायक रहते हुए और न ही एमएलसी रहते हुए अपनी कोई तनख्वाह या भत्ता स्वीकार किया है। बल्कि उन्होंने अपनी तनख्वाह से मिलने वाली पूरी राशि समाजसेवा और मानव कल्याण के कार्यों में लगाई है।
गुड्डू जमाली ने हमेशा राजनीति को पद या प्रतिष्ठा नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम माना है। चाहे किसी गरीब की बेटी की शादी हो, किसी बीमार की दवा, या किसी किसान का कर्ज — उन्होंने हर हाल में मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है।
कारीसाथ गांव में उनकी उपस्थिति ने एक बार फिर साबित कर दिया कि राजनीति अगर नीयत से की जाए, तो वह इंसानियत का सबसे सशक्त माध्यम बन सकती है।
