रिपोर्ट – परवेज आलम
प्रयागराज। यमुना नगर विकास खंड जसरा के ग्राम बुदावा में एक महिला की भूमि पट्टे की पत्रावली गायब होने का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, आरा पत्नी स्वर्गीय अनवर हुसैन को वर्ष 1997 में उप जिलाधिकारी बारा द्वारा आवासीय पट्टा स्वीकृत किया गया था। इसके बाद सन 1998 में लेखपाल और कानूनगो द्वारा भूमि की पैमाइश कर दखलनामा भी प्रार्थिनी को प्रदान किया गया। आज उस भूमि पर प्रार्थिनी ने मकान बनाकर रह रही हैं।
लेकिन हाल ही में पड़ोसी अमरेहा निवासी अकबाल हुसैन और उनके पुत्र शमशाद, सज्जाद, शहनवाज व अफजाल ने प्रार्थिनी की बाउंड्री वॉल को तोड़ कर अवैध कब्जा कर लिया। इस संबंध में प्रार्थिनी ने एसडीएम बारा और जिलाधिकारी प्रयागराज से शिकायत की। शिकायत के बाद प्रार्थिनी के खिलाफ पट्टा निरस्तीकरण का मुकदमा दाखिल कर दिया गया।
हालांकि, 30 अगस्त 2024 को इस मामले में फैसला प्रार्थिनी के पक्ष में आया। अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने स्पष्ट किया कि उक्त पट्टा तत्समय नियमों के अनुसार आवंटित किया गया था और कानूनगो जसरा ने भी अपनी आख्या में यह प्रमाणित किया कि प्रार्थिनी का पट्टा पूर्व में ही किया गया था। तहसील अभिलेखालय में खतौनी की सत्य प्रतिलिपि भी मौजूद है जिसमें पट्टा का उल्लेख स्पष्ट रूप से किया गया है।
लेकिन हैरानी की बात यह है कि अब नायाब तहसीलदार बारा और लेखपाल, कानूनगो यह दावा कर रहे हैं कि प्रार्थिनी की पत्रावली उपलब्ध नहीं है। इस मामले में सवाल उठते हैं कि जब पहले से ही पट्टा हुआ था तो पत्रावली तहसील से कहां गायब हो गई।
प्रार्थिनी और ग्रामीणों का आरोप है कि तहसील के कर्मचारी या तो जानबूझ कर पत्रावली को गायब करवा रहे हैं या उसे कहीं दबा दिया गया है। स्थानीय लोग इसे प्रशासनिक लापरवाही और जमीन पर दबंगई की प्रवृत्ति का उदाहरण बता रहे हैं।
इस मामले ने प्रशासन की पारदर्शिता और जमीन के कागजात के रखरखाव पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं, प्रार्थिनी ने अधिकारियों से मांग की है कि उनके पट्टे और पत्रावली को शीघ्र उपलब्ध कराया जाए और अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो इस मुद्दे को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की संभावना है।
