आजमगढ़ :- समाजवादी पार्टी कार्यालय पर एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई, जिसमें पार्टी नेताओं ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आज़मगढ़ की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। यह प्रेस वार्ता मुख्यमंत्री के 20 जून को प्रस्तावित जनपद दौरे से पूर्व आयोजित की गई, जिसमें जनपद की विकास योजनाओं की अनदेखी, भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाहियों को लेकर तीखा हमला बोला गया।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष हवलदार यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी ने आम चुनाव के समय वादा किया था कि आज़मगढ़ का विकास वाराणसी और गोरखपुर की तर्ज पर किया जाएगा, लेकिन बीते साढ़े आठ वर्षों में ऐसा कोई ठोस विकास कार्य नहीं हुआ। उन्होंने दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में शुरू हुए अधिकांश प्रोजेक्ट या तो अधूरे हैं या ठप हो चुके हैं।
उन्होंने घाघरा नदी पर हाजीपुर से गोला (गोरखपुर) तक प्रस्तावित पुल का निर्माण कार्य अधर में लटकने, चक्रपानपुर पीजीआई सड़क और मेहनाजपुर-चिरैयाकोट सड़क के फोरलेन प्रोजेक्ट को रोक दिए जाने का मुद्दा उठाया।
हवलदार यादव ने कहा कि जनपद की प्रमुख सड़कों जैसे कप्तानगंज-अहिरौला, सिकंदरपुर-नरियांव, महाराजगंज-बिलरियागंज, और निजामाबाद-पवई के मार्ग वर्षों से जर्जर हालत में हैं। बिजली व्यवस्था बदहाल है, गांवों में सिर्फ 6-7 घंटे बिजली मिल रही है और नहरों में पानी न होने से किसान बेहन नहीं डाल पा रहे हैं।
विधायक अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री कार्यालय की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को चाहिए था कि दौरे से पूर्व जनप्रतिनिधियों से बातचीत कर जनपद की विकास योजनाओं की समीक्षा की जाती, लेकिन भाजपा सरकार लोकतांत्रिक परंपराओं को दरकिनार कर रही है।
विधायक बेचई सरोज ने कहा कि भाजपा सरकार में दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ा है, और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। उन्होंने भी अपने क्षेत्र की विकास योजनाओं की अनदेखी की बात कही।
प्रेस वार्ता में पूर्व मंत्री डॉ. रामदुलार राजभर, अजीत कुमार राव, विवेक सिंह और जीएस प्रियदर्शी सहित कई नेता उपस्थित रहे। सभी ने मुख्यमंत्री से जनपद के साथ हो रहे “सौतेले व्यवहार” को समाप्त करने की मांग की
