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मुंबई से आजमगढ़ आया प्रेमी, प्रेमिका के घरवालों ने जिंदा जलाया….

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रिपोर्ट – राहुल मौर्या 

प्रेम एक ऐसा भाव है, जिसे किसी सीमा, धर्म, जाति या परंपरा में नहीं बांधा जा सकता। यह दो आत्माओं का मिलन है, लेकिन जब यही प्रेम समाज की कट्टर सोच से टकराता है, तो इसका अंजाम बेहद खौफनाक होता है। कृष्ण और राधा का प्रेम भी अधूरा रह गया था, और इसी अधूरी मोहब्बत की एक दर्दनाक दास्तां उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में भी लिखी गई, जहां एक प्रेमी को सिर्फ प्यार करने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। यह घटना न सिर्फ प्रेम परंपरा पर समाज की संकीर्ण सोच को उजागर करती है, बल्कि कानून व्यवस्था और न्यायिक प्रक्रिया की भी पोल खोलती है।

घटना का संपूर्ण विवरण

आजमगढ़ जिले के कप्तानगंज थाना क्षेत्र के भवानीपट्टी गांव के निवासी आकाश दुबे (24) मुंबई में अपने परिवार के साथ रहते थे। उनके पिता प्रदीप दुबे मुंबई में एक व्यवसायी हैं। आकाश का ननिहाल अंबेडकरनगर जिले के जैतपुर थाना क्षेत्र के उदयापुर गांव में था, जहां वे अक्सर आया-जाया करते थे।

ननिहाल में ही उनकी मुलाकात नेवादा कलां गांव की एक युवती से हुई और दोनों के बीच प्यार हो गया। दोनों अक्सर बातचीत करते थे और एक-दूसरे से मिलने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे। यह प्रेम-प्रसंग धीरे-धीरे परवान चढ़ने लगा, लेकिन समाज और परिवार की बंदिशों के कारण उनका प्यार एक चुनौती बनता जा रहा था।

बीते 5 मार्च को आकाश दुबे फ्लाइट से आजमगढ़ पहुंचे, लेकिन इसके बाद से उनका कोई अता-पता नहीं चला। 9 मार्च को जब आकाश अपनी प्रेमिका से मिलने उसके घर गया, तो वहां पहले से ही लड़की के परिजन मौजूद थे। आरोप है कि लड़की के परिवार को जब उनके प्रेम संबंध की जानकारी हुई, तो उन्होंने गुस्से में आकर आकाश को पकड़ लिया और उसे बेरहमी से पीटा।

इसके बाद, आरोपियों ने क्रूरता की हदें पार कर दीं। उन्होंने आकाश के शरीर पर पेट्रोल छिड़ककर उसे आग के हवाले कर दिया। देखते ही देखते आग की लपटों में घिरा आकाश तड़पने लगा, लेकिन वहां मौजूद किसी भी व्यक्ति ने उसे बचाने की कोशिश नहीं की।

आग में जलता रहा प्रेम, मदद को कोई आगे नहीं आया

इस भयावह घटना की सूचना जब आकाश के रिश्तेदारों को मिली, तो वे तुरंत मौके पर पहुंचे। स्थानीय पुलिस भी सूचना पाकर घटनास्थल पर पहुंची, लेकिन तब तक आकाश 90 प्रतिशत जल चुका था। गंभीर हालत में उसे स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसे लखनऊ रेफर कर दिया।

आकाश की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। अस्पताल में भर्ती रहते हुए भी वह दर्द से कराहता रहा, लेकिन इस बीच उसने अपने होशोहवास में मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया, जिसमें उसने आरोपियों के नाम उजागर किए और बताया कि उसे किस तरह जलाया गया।

मौत के बाद मचा कोहराम

आखिरकार, 14 मार्च को लखनऊ के एक अस्पताल में इलाज के दौरान आकाश ने दम तोड़ दिया। उसकी मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल था, वहीं रिश्तेदार और गांववाले भी इस निर्मम हत्या से स्तब्ध थे।

परिजनों ने आरोप लगाया कि आकाश की हत्या योजनाबद्ध तरीके से की गई और पुलिस इस मामले में शुरू से ही लापरवाही बरत रही है। हालांकि, पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर रिपोर्ट दर्ज कर ली, लेकिन अब तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

न्याय की लड़ाई और पुलिस की लापरवाही

परिजनों ने आकाश के हत्यारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा कि पुलिस जानबूझकर मामले को दबाने की कोशिश कर रही है।

स्थानीय लोगों के अनुसार, जब मृतक के परिवार ने थाने में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की, तो उन्हें घंटों तक बैठाया गया। थाना अध्यक्ष से संपर्क करने की भी कोशिश की गई, लेकिन उनका फोन स्विच ऑफ था। इस लचर रवैये से परिजन बेहद नाराज हैं और न्याय की गुहार लगा रहे हैं।

समाज और कानून के लिए बड़ा सवाल

आकाश दुबे की मौत न केवल एक प्रेम कहानी का दर्दनाक अंत है, बल्कि यह भारतीय समाज में गहरे पैठे जातिवाद, पितृसत्ता और झूठी प्रतिष्ठा की सोच को भी उजागर करती है।

आज भी कई जगहों पर प्रेम को अपराध माना जाता है और प्रेमी जोड़ों को समाज के ठेकेदारों का शिकार बनना पड़ता है। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि कैसे समाज की संकीर्ण मानसिकता के कारण एक निर्दोष युवक को अपनी जान गंवानी पड़ी।

क्या मिलेगा न्याय?

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या आकाश को इंसाफ मिलेगा? क्या पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करेगी या फिर यह मामला भी उन हजारों मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा?

परिजन अब तक न्याय की आस लगाए बैठे हैं, लेकिन उन्हें डर है कि अपराधियों के प्रभाव और पुलिस की निष्क्रियता के कारण मामला कमजोर कर दिया जाएगा।

सरकार और प्रशासन से उम्मीदें

इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है और लोग आकाश के हत्यारों को कड़ी सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस हत्याकांड को लेकर आक्रोश बढ़ रहा है।

सरकार और प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि वे इस जघन्य अपराध की निष्पक्ष जांच कराएंगे और दोषियों को जल्द से जल्द सलाखों के पीछे पहुंचाएंगे।

आकाश दुबे की हत्या ने एक बार फिर समाज को आईना दिखाने का काम किया है। प्रेम को लेकर समाज की क्रूर मानसिकता कब बदलेगी, यह कहना मुश्किल है, लेकिन जब तक ऐसे मामलों में दोषियों को कड़ी सजा नहीं मिलेगी, तब तक प्रेमी जोड़ों की दुर्दशा होती रहेगी।

अब देखना यह है कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और क्या आकाश को इंसाफ मिल पाता है या नहीं।

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