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महादेवी हायर सेकेंडरी स्कूल में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई बसंत पंचमी

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रिपोर्ट – राहुल मौर्या

मां सरस्वती के गीतों से गूंज उठा प्रांगण 

आजमगढ़। ज्ञान, विद्या और संगीत की देवी मां सरस्वती की उपासना का पर्व बसंत पंचमी महादेवी हायर सेकेंडरी स्कूल में बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस विशेष अवसर पर विद्यालय प्रांगण में मां सरस्वती की पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यालय के प्रबंधक डी.पी. मौर्य और प्रधानाचार्य रामनयन मौर्य के नेतृत्व में समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

विद्यालय परिसर भक्तिमय माहौल से सराबोर था। हर ओर मां सरस्वती की आराधना में लीन छात्र-छात्राएं, शिक्षक-शिक्षिकाएं और विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य देखे गए। श्रद्धालु भक्ति भाव में सराबोर होकर मां सरस्वती की वंदना कर रहे थे।

मां सरस्वती वंदना से हुआ शुभारंभ

पूजन कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत मां सरस्वती वंदना से हुई। उनके मधुर स्वरों ने पूरे परिसर को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। इस प्रस्तुति के दौरान उपस्थित छात्र-छात्राएं, शिक्षक-शिक्षिकाएं और अतिथि भाव-विभोर हो गए। सरस्वती वंदना की धुन सुनकर ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो स्वयं मां सरस्वती वहां उपस्थित होकर भक्तों को आशीर्वाद दे रही हों।

वंदना के पश्चात प्रधानाचार्य रामनयन मौर्य ने दीप प्रज्वलित कर विधिवत पूजा का शुभारंभ किया। विद्वान आचार्यों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच मां सरस्वती की आराधना संपन्न हुई। मंत्रों की गूंज, धूप-दीप की सुगंध और श्रद्धा के वातावरण ने सभी को भक्ति और सकारात्मकता से भर दिया।

सामूहिक हवन एवं आशीर्वाद का आयोजन

पूजन के उपरांत विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों एवं समस्त शिक्षकों द्वारा सामूहिक रूप से गायत्री मंत्रों के साथ हवन किया गया। हवन में आहुति देते समय सभी ने मां सरस्वती से बुद्धि, विद्या, ज्ञान और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना की। इस दौरान विद्यालय के शिक्षकों ने छात्रों को बसंत पंचमी के महत्व के बारे में भी बताया।

प्रधानाचार्य रामनयन मौर्य ने कहा,
“मां सरस्वती केवल विद्या की देवी ही नहीं, बल्कि संगीत, कला, ज्ञान और विज्ञान की अधिष्ठात्री भी हैं। विद्यार्थियों को सदैव सत्य के मार्ग पर चलकर ईमानदारी, मेहनत और समर्पण के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहिए।”

उन्होंने यह भी बताया कि बसंत पंचमी को विद्या आरंभ का विशेष पर्व माना जाता है। इसी दिन छोटे बच्चों को पहली बार अक्षर लेखन करवाने की परंपरा भी है, जिसे विद्यारंभ संस्कार कहा जाता है। विद्यालय में अध्ययनरत छात्रों को इस दिन का विशेष महत्व समझाया गया और उन्हें प्रेरित किया गया कि वे अपनी पढ़ाई में मन लगाएं तथा मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त करें।

पूजन आयोजन में शिक्षकों का योगदान

पूजन कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के प्रधानाचार्य रामनयन मौर्य, उप प्रधानाचार्य एस.एन यादव, कोऑर्डिनेटर आनंद मौर्य, राम चरण मौर्य, दीपिका सिंह, दिनेश यादव, किशन यादव, आरोही मोदनवाल, राहुल तिवारी, अजय कुमार, धीरेंद्र मोहन, शरद गुप्ता, अजय कुमार यादव समेत समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं का सराहनीय योगदान रहा।

 

प्रेरणादायक संदेश एवं सम्मान समारोह

विद्यालय प्रबंधक डी.पी. मौर्य ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा,
“विद्या ही जीवन का सबसे बड़ा धन है। मां सरस्वती की कृपा से ही व्यक्ति सफलता की ऊंचाइयों को छू सकता है। हमें अपने जीवन में सदैव ज्ञान और सत्य का मार्ग अपनाना चाहिए।”

विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा सभी प्रतियोगिताओं में विजयी विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने भी विद्यालय के शिक्षकों और प्रबंधन का आभार व्यक्त किया।

भक्तिमय माहौल और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

पूरे दिन विद्यालय परिसर भक्ति और उल्लास से भरा रहा। विद्यार्थियों ने मां सरस्वती के भजन गाए और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। नृत्य, संगीत और नाटक के माध्यम से विद्यार्थियों ने बसंत पंचमी के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाया।

विद्यालय के प्रांगण में मां सरस्वती की प्रतिमा को पीले पुष्पों से सजाया गया था, जिससे वातावरण और भी मनमोहक लग रहा था। विद्यालय के सभी छात्र-छात्राएं पीले वस्त्र धारण कर इस पर्व की शोभा बढ़ा रहे थे।

उत्सव का समापन और प्रसाद वितरण

पूजा और हवन के पश्चात महाप्रसाद का वितरण किया गया। सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों और उपस्थित अतिथियों ने श्रद्धा पूर्वक प्रसाद ग्रहण किया और मां सरस्वती से आशीर्वाद लिया।

इस प्रकार महादेवी हायर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित बसंत पंचमी समारोह हर्षोल्लास, भक्ति और शिक्षा के महत्व को दर्शाने वाला एक प्रेरणादायक आयोजन बन गया। इस उत्सव ने न केवल विद्यार्थियों को विद्या की देवी मां सरस्वती की आराधना का महत्व बताया, बल्कि उन्हें जीवन में शिक्षा और सद्गुणों को अपनाने की प्रेरणा भी दी।

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