रूस में फंसा आजमगढ़ का अज़हरुद्दीन, मां-बेटी सरकार से लगाई गुहार
आजमगढ़। जिले के गुलामीपुरा निवासी युवक अज़हरुद्दीन खान रूस में फंस गया है। उसकी मां नसरीन और बहन बेटे की वतन वापसी के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही हैं। सरकार और प्रशासन से गुहार लगाने के बावजूद अब तक कोई राहत नहीं मिली है। युवक की बहन ने बताया कि वह दिल्ली तक दौड़कर मदद मांग चुकी हैं, लेकिन हर जगह से सिर्फ मायूसी ही हाथ लगी।
रूस में कैसे फंसा अज़हरुद्दीन?
मां नसरीन के मुताबिक, 27 जनवरी 2024 को उनका बेटा घर से निकला और 2 फरवरी 2024 को रूस पहुंच गया। वहां एक साल का एग्रीमेंट किया गया था, जो 7 फरवरी 2025 तक चलने वाला था। उसे सिक्योरिटी के काम के नाम पर भेजा गया, लेकिन वहां पहुंचते ही हालात बदल गए।
परिवार के अनुसार, अज़हरुद्दीन को सिक्योरिटी की जगह युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया। उसकी मां बताती हैं कि आखिरी बार अप्रैल 2024 में बेटे से बातचीत हुई थी, उसके बाद से कोई संपर्क नहीं हो पाया।
एजेंट ने बनाया शिकार, तीन की हो चुकी है मौत
अज़हरुद्दीन की बहन ने बताया कि उन्हें विनोद नाम के एक एजेंट ने रूस भेजा। उसने सात लोगों का ग्रुप तैयार किया और कहा कि वहां अच्छा काम मिलेगा, लाखों रुपये कमाने का मौका मिलेगा। लेकिन असलियत कुछ और ही निकली।
एजेंट खुद भी रूस में फंस गया और इन युवकों को भी फंसा दिया। बहन का दावा है कि उसके ग्रुप के तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जिससे उनका डर और भी बढ़ गया है। उन्हें आशंका है कि कहीं उनके भाई के साथ भी कोई अनहोनी न हो गई हो।
मां-बेटी ने मोदी सरकार से लगाई गुहार
युवक की मां नसरीन ने रोते हुए कहा, “अगर मेरे बेटे का पता चल जाए, तो मैं खुद रूस जाकर उसे वापस ले आऊंगी।” बहन ने बताया कि वे सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा-लगाकर थक गई हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।
परिवार अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्रालय से अपील कर रहा है कि उनके बेटे की वतन वापसी कराई जाए।
सरकार और जिला प्रशासन से मदद की उम्मीद
इस मामले में जिला प्रशासन से भी अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। परिवार ने मांग की है कि सरकार इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करे और रूस में फंसे अज़हरुद्दीन की तलाश कर उसे सुरक्षित घर वापस लाने का प्रयास करे।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या सरकार इस बुजुर्ग मां की फरियाद सुनेगी और क्या अज़हरुद्दीन की वतन वापसी संभव हो पाएगी?