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मानवाधिकार दिवस पर आजमगढ़ पब्लिक स्कूल में विविध गतिविधियों का आयोजन…

मानवाधिकार दिवस पर आजमगढ़ पब्लिक स्कूल में विविध गतिविधियों का आयोजन…

कोटिला चेकपोस्ट स्थित आजमगढ़ पब्लिक स्कूल में मानवाधिकार दिवस के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. मोहम्मद मोहिबुल हक़, पीएच.डी., प्रोफेसर, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय रहे। उनकी गरिमामयी उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी विशेष बना दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल के स्काउट एंड गाइड के छात्रों द्वारा मुख्य अतिथि का स्वागत कर की गई इसके उपरांत विद्यार्थियों द्वारा स्वागत गीत गाया गया, जिसमें उन्होंने अपने मधुर सुरों के माध्यम से अतिथियों और दर्शकों का स्वागत किया। इसके उपरांत विद्यालय प्रबंधक श्री मोहम्मद नोमान एवं प्रधानाचार्या महोदया रूपल पंड्या ने मुख्य अतिथि को अंगवस्त्र, पुष्पगुच्छ एवं स्मृतिचिन्ह भेंट कर उनके सम्मानित किया एवं प्रोफेसर शफीउज्जमां साहब को पुष्पगुच्छ देकर उनको सम्मानित किया। इसके बाद मानवाधिकार दिवस की महत्ता पर छात्रों ने अपने विचार प्रस्तुत किए।

मुख्य अतिथि प्रो. मोहम्मद मोहिबुल हक़ ने अपने संबोधन में कहा, “मानवाधिकार केवल कानूनी शब्द नहीं, बल्कि यह मानव जीवन की गरिमा और स्वतंत्रता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। हमें इन अधिकारों की रक्षा करने और समाज के हर व्यक्ति को उनका हक दिलाने के लिए जागरूक रहना चाहिए। युवाओं को मानवाधिकारों की गहरी समझ विकसित करनी होगी ताकि वे भविष्य में इसके सशक्त प्रहरी बन सकें।”

विद्यालय प्रबंधक श्री मोहम्मद नोमान ने अपने वक्तव्य में कहा, “मानवाधिकारों का सम्मान ही एक सभ्य समाज की पहचान है। आज का यह आयोजन हमारे बच्चों को न केवल इन अधिकारों की महत्ता सिखाएगा, बल्कि उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करेगा। मैं सभी छात्रों, प्रधानाचार्या महोदया और सभी शिक्षकों को इस आयोजन की सफलता के लिए बधाई देता हूं।”

प्रधानाचार्या रूपल पंड्या ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, “आज का दिन हमें यह याद दिलाता है कि मानवाधिकारों की रक्षा करना न केवल हमारा दायित्व है, बल्कि एक सशक्त और सामंजस्यपूर्ण समाज बनाने का आधार भी है। मैं सभी छात्रों की उनके जोश और प्रयासों के लिए सराहना करती हूं।”

इस अवसर पर विद्यालय में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसमें मानवाधिकार पर भाषण, पोस्टर मेकिंग, स्लोगन राइटिंग और वाद-विवाद आदि गतिविधियां शामिल थीं। छात्रों ने अपने विचारों और रचनात्मकता के माध्यम से मानवाधिकारों के महत्व को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।

इस कार्यक्रम में उपप्रधानाचार्या समेत विद्यालय के शिक्षकगण एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

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