खबर आज़मगढ़ जिले से है , जहाँ पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए एक ऐसे हत्याकाण्ड का खुलासा किया , जिसे सुनकर पूरा जिला स्तब्ध रह गया।दरअसल 29 सितंबर 2024 की रात में अहरौला क्षेत्र के आलम पुर गाँव में लालच और चुनावी रंजिश में बदले का ऐसा खेल खेला गया जिसमे पूर्व प्रधान श्रीराम चौहान की जान चली गयी। इस हत्याकांड को अंजाम देने वाला पूर्व प्रधान का करीबी सतिराम चौहान ही निकला , जिसने नौकरी और पैसों के लालच में पड़ कर इस जघन्य काण्ड को अंजाम दिया था। पुलिस ने इस घटना में 3 अभयुक्तों को गिरफ्तार करते हुए अभियुक्त की निशानदेही पर आला कत्ल अवैध तमंचा भी बरामद किया है।
वहीँ पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्त सतिराम चौहान ने बताया कि पूर्व प्रधान श्रीराम चौहान के घर से उसके परिवार का काफी करीबी संबंध था, वह खुद श्रीराम चौहान के विश्वासी व्यक्ति था। सतिराम के मुताबिक, वर्तमान प्रधान रामसेवक चौहान और पूर्व प्रधान श्रीराम चौहान के बीच प्रधानी को लेकर पुरानी रंजिश थी, और उनके बीच मुकदमेबाजी चल रही थी।
सतिराम ने बताया कि 2024 में पंचायत सहायक की भर्ती के दौरान, उसके छोटे भाई की पत्नी तीसरे स्थान पर थी, लेकिन उसकी भर्ती प्रधान के माध्यम से होनी थी। जब सतिराम ने इस बारे में वर्तमान प्रधान रामसेवक चौहान से बात की,तो उन लोगों ने सतिराम को पूर्व प्रधान का ख़ास आदमी बताते हुए मना कर दिया और कहाकि तुम्हारे परिवार को नौकरी क्यों दी जाए। इसके बाद सतिराम को भरोसे में लेकर उससे कहा गया कि अगर वो पूर्व प्रधान की हत्या कर दे, तो उनके परिवार को नौकरी और 50,000 रुपये दिए जाएंगे।
29 सितंबर 2024 की रात को, सतिराम ने योजना के अनुसार श्रीराम चौहान की हत्या की। रात के समय, सुरेन्द्र चौहान ने सतिराम को हथियार (कट्टा) दिया, और सतिराम ने श्रीराम चौहान के दाहिनी तरफ जाकर उनके कनपट्टी पर गोली मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई। हत्या के बाद, सुरेन्द्र चौहान बिना हथियार लिए वहां से भाग गया। विकलांग होने के कारण सतिराम कुछ समय तक वहीं रुका और बाद में अपने घर जाकर हथियार छिपाया।
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