आजमगढ़ :- राष्ट्रीय ओलमा कौन्सिल ने 19 सितम्बर 2008 को हुए बटला हाउस इण्काउन्टर कि सोलहवीं बर्सी के मौके पर इस इण्काउन्टर की न्याययिक जांच की मांग की ….साथ ही नारेबाजी के साथ जमकर प्रदर्शन किया ..इसके साथ ही प्रधानमंत्री के नाम सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया ….. राष्ट्रीय ओलमा कौन्सिल के प्रदेश अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहाकि, “2008 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के गृह मंत्री के इशारे पर दिल्ली पुलिस द्वारा कांग्रेस सरकार की लाज बचाने के लिए मुस्लिम नौजवानों को बलि का बकरा बनाते हुए साजिश रच कर 19 सितम्बर, 2008 को दिल्ली के बटला हाऊस में फर्जी मुदभेड़ की गयी और इस दौरान दो बेकसुर मुस्लिम नौजावान आतिफ व साजिद के साथ एक जांबाज पुलिस इंस्पेक्टर को मौत के घाट उतार दिया गया था ….अनिल सिंह ने कहा कि अनेक मुस्लिम नौजवानो को इस केस में फंसा कर उनकी जिंदगी बरबाद कर दी गई…. इस इण्काउन्टर के खिलाफ राष्ट्रीय ओलमा कौन्सिल ने आज़मगढ़ से लेकर दिल्ली तक जोरदार विरोध दर्शाया था और यह मांग की थी कि इस काण्ड की न्याययिक जांच कराई जाए….. अनिल सिंह ने कहाकि देश भर में न्याययिक जांच की आवाजे उठने लगी… लेकिन यूपीए की तत्कालीन केन्द्रीय सरकार ने इस इन्काउन्टर की न्याययिक जांच न कराकर लोकतंत्र का गला घोंट दिया….
वहीं पार्टी प्रवक्ता तलहा रशादी ने कहाकि इस इण्काउन्टर के बाद कांग्रेस सरकार ने अपने कानूनी कर्तव्यों का भी पालन नही किया, जबकि सी0आर0पी0सी0 की धारा 176 के अंतर्गत किसी भी प्रकार के पुलिस टकराव में अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उस घटना की मजिस्ट्रेट जांच करवाना अनिवार्य है…. बटला हाउस इण्काउन्टर में एक बहादुर पुलिस अफसर एवं दो प्रतिभावान छात्रों की मौत हुई परन्तु न तो कांग्रेस, न भाजपा की केन्द्र सरकार और नाही चुनाव से पहले इण्काउन्टर पर सवाल उठाने वाले केजरीवाल ने सत्ता में आने के बाद इस काण्ड की जांच करवाना मुनासिब समझा।
यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष नुरूलहोदा ने कहाकि आखिर क्या वजह है कि इस इण्काउन्टर की जांच नही करायी जा रही है…. अगर इन्काउन्टर सही था तो जांच में भी तो वही सच निकलकर आएगा”। सच सामने आना ही चाहिये क्योंकि ये इण्काउन्टर सिर्फ एक क्षेत्र विशेष के नही बल्कि पूरे देश के मुसलमानों की अस्मिता पर सवाल है, भाजपा ‘सबका साथ सबका विकास’ की बात करती हैं पर क्या सबका साथ सबका विकास सबको न्याय के बिना संभव है? बटला हाउस फर्जी इण्काउन्टर की न्याययिक जांच की मांग हम तबतक दोहराते रहेंगे जबतक सरकार हमारी मांग को मान नही लेती है।
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