उर्दू अदब के मशहूर शायर मुनव्वर राना की शायरी …माँ के इर्द – गिर्द ही रही …आज मातृ दिवस के ख़ास मौके पर लोग कुछ इस तरह से अपनी माँ को याद कर रहे हैं ..
दुआ को हाथ उठाते हुए लरज़ता हूँ …कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए जबकि अपने दूसरे शेर में वो कहते हैं कि
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है …..माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है ..
मातृ दिवस के गरिमामयी अवसर पर आज़मगढ़ जिले के अतरौलिया क्षेत्र के मदियापार स्थित S.D.GLOBAL PUBLIC SCHOOL में आज मातृ दिवस का कार्यक्रम बहुत ही धूम धाम से मनाया गया . इस अवसर पर, बच्चों द्वारा मां की ममता तथा उनका महत्व बताते हुए विभिन्न प्रकार के कलात्मक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया. इस कार्यक्रम में बच्चों ने भावपूर्ण ढंग से हिस्सा लेते हुए माँ की ममता का बखान करते हुए मां के संघर्षों उसके समर्पण पर प्रकाश डाला और माँ के महत्त्व को समझया . मातृ दिवस के ख़ास मौके पर विद्यालय के डायरेक्टर श्री राधेश्याम यादव ने बताया मां का दर्जा हमारी जिंदगी में सर्वोच्च होता है. उन्होंने कहा कि माँ, हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं. हम माँ के बिना कुछ भी नहीं हैं. माँ कि ममता का बखान करते – करते पर विद्यालय के डायरेक्टर श्री राधेश्याम यादव भावुक भी हो गए .
वहीँ इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकों द्वारा मां के सम्मान के लिए गीत तथा भाषण प्रस्तुत किया गया . इस मौके पर विद्यालय के डायरेक्टर राधेश्याम यादव, प्रधानाचार्या अनीता यादव, विजय प्रताप, प्रदीप यादव, जयशंकर पांडेय, आदि लोग उपस्थित रहें.
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