आजमगढ़ :- आस्था का महापर्व छठ पूजा 17 नवम्बर से शुरू हो रहा है। बावजूद इसके छठ घाटों की साफ-सफाई अब तक नहीं हुई है। घाटों की स्थिति अपनी दुर्दशा बयां कर रही है। ऐसे में व्रतियों को छठ पूजा में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है….।
वही एक तरफ जहां केंद्र के साथ ही प्रदेश सरकार भी स्वच्छ भारत अभियान चला रही है, वहीं आजमगढ़ जनपद की तमसा नदी अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मज़बूर है.
तमसा नदी को कूड़े के ढेर से पाटा जा रहा है, साथ ही गटर का गन्दा पानी भी गिराया जा रहा है…. केंद्र सरकार का मिशन स्वच्छ भारत अभियान का आजमगढ़ जिले में कोई असर नहीं दिख रहा है….
स्वच्छता को लेकर राजनीति तो बहुत की जा रही लेकिन यंहा तमसा नदी दूषित होती जा रही है…. जो केंद्र सरकार के मिशन को मुंह चिढ़ाता हुई नज़र आ रही है…. …इस समस्या की तरफ नगर पालिका और जिला प्रशासन की नज़र नहीं जा रही है….
लोगों का कहना है कि कभी तमसा का पानी इतना स्वच्छ होता था की हम इस पानी को पीते थे लेकिन आज तमसा नदी नहाने लायक भी नहीं बची.
तमसा नदी का अस्तित्व बचाने के लिए समय-समय पर आंदोलन हुए मगर सरकारी उदासीनता के चलते सारी मुहीम पर पानी फिर गया…. नदी किनारे बने प्रसीद्ध प्राचीन घाटों पर भी गन्दगी का अम्बार लगा रहता है …ऐसे में छठ का महा पर्व और उसकी तैयारियों को लेकर लोगों में चर्चा है कि क्या नगर पालिका और जिला प्रशासन अपनी कुंभकर्णी नींद से जागेगा …
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