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बुंदेलखंड क्षेत्र बांदा में आज मिलेट्स के तहत प्राकृतिक खेती…

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यूपी के बुंदेलखंड क्षेत्र बांदा में आज मिलेट्स के तहत प्राकृतिक खेती, औद्योगिक फसलों एवं पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए “श्री अननोत्सव” कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें सरकार के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही और राज्यमंत्री बल्देव औलख ने किसानों को आधुनिक खेती के तौर तरीके बताए. कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिकों एवं प्रगतिशील किसानों ने भी अपने अनुभव साझा किया. इस कार्यशाला में बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र सहित दर्जन भर जिले के किसान मौजूद रहे.
इस कार्यक्रम का उद्देश्य मिलेट्स के तहत प्राकतिक खेती को बढ़ावा देना है, मोटा अनाज उगाने से मनुष्य स्वस्थ रहेगा, साथ ही कम लागत में ज्यादा आमदनी होगी. श्री अन्न में 26 प्रकार की फसल होती हैं, जिसमे गेंहू चावल के साथ साथ दलहन तिलहन की फसल शामिल हैं. वैज्ञानिकों ने बताया कि 1951 में बड़ी संख्या में उगाया जाता था, 1967 में और बढ़ गया लेकिन अब धीरे धीरे घट रहा है. इसलिए आज खाद के उपज के बजाय श्री अन्न की फसलों को अपनी थाली में जगह दें.
प्रगतिशील किसान और वैज्ञानिको ने अलग अलग बताया कि बुंदेलखंड की जलवायु मिलेट्स के लिए अनुकूल है, यहां मोटा अनाज अधिक से अधिक पैदा किया जा सकता है. जिससे कम लागत में बढ़िया इनकम कमाया जा सकता है. मोटे अनाजों से उनके उत्पाद बनाकर अधिक से अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है. प्राकृतिक और जैविक खेती पर किसान जोर दें. मिलेट्स की फसलों पर बीमारियां और कीट कम लगते हैं.
वहीं किसानों को सम्बोधित करते हुए कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने बताया कि भारत का मेरुदंड किसानी है. यूपी की अर्थव्यवस्था 26 लाख करोड़ रुपये 6 लाख करोड़ रुपये की हिस्सेदारी है. मोदी और योगी ने कृषि की योजनाओं को धरातल पर उतारा है. जिससे किसान खुशहाल है. बुंदेलखंड में पहले बहुत चुनौतियां थी आज बदलाव दिखाई दे रहा है. यूपी में 27276 तालाब खोदे गए हैं, हमारी सरकार ने msp बढ़ाया है जिससे किसानों को उनके उतपादो का मूल्य भी मिल रहा है.
बुंदेलखंड में दलहन और तिलहन की फसलों के लिए अनुकूल जाना जाता है, बिगत दिनों में हम सभी ने श्री अन्न की खेती करना छोड़ दिया था, अब इसकी डिमांड बढ़ गयी है, हमे अब श्री अन्न की खेती को बढ़ावा देना है. अब हम जहरीली खेती की और बढ़ रहे थे, हमे जागना है, मोदी योगी ने कहा है कि 2047 तक भारत को विकसित देश बनाना है. बिना खेत गए किसान खेती को नही समझ सकता. इसिलिय हमने सभी योजनाओं को डिजिटल फॉर्म में लागू कर दिया है. पहले ब्याज ज्यादा लगती थी, अब 4% लगती है. प्रदेश में 13 लाख से ज्यादा मवेसी गौशालाओं में हैं, सरकार ने 30 रुपये लगाकर हर गाय में 50 रुपये कर दिया. अभी 8 करोड़ से ऊपर बीज उत्पादन के लिए दिया है.
श्री अन्न के तहत उत्पादन बढ़ाने में हमे विटामिन और मिनरल मिलते हैं, इसको अपनी थाली में जगह देना है, इसको ज्यादा से ज्यादा उगाना है. जिससे हमारा स्वास्थ्य भी सही रहेगा. अब तो आने वाले समय मे श्री अन्न से बने उत्पादों को आपके घर से लोग ले जाएंगे.
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