नारद मोह के मंचन बंदर रुप ने लोगों को खूब हंसाया
आजमगढ़। नगर के पुरानी कोतवाली में होने वाली श्रीरामलीला की शुरुआत शनिवार की रात मुकुट पूजन और नारद मोह के मंचन से हुआ। मंचन में नारद के बंदर रुप ने लोगों को लोट-पोट कर दिया। दरभंगा बिहार से आए कलाकारों की जीवंत प्रस्तुतियों की दर्शकों ने तालियों से सराहाना की। बीच-बीच में भगवान श्रीराम के लग रहे जयकारों से वातावरण श्रीराममय हो गया था।
श्रीरामलीला समिति पुरानी कोतवाली के तत्वावधान में आयोजित रामलीला का शुभारंभ शनिवार की शाम मुकुट पूजन और हवन-पूजन के साथ हुआ। श्री बाबा बैजनाथ श्रीरामलीला मंडल (जनकपुर मिथिला धाम) बिहार से आए कलाकारों ने नारद मोह का मंचन किया। मंचन के क्रम में नारद के घमंड को तोडऩे के लिए श्री विष्णु भगवान ने नारद को बंदर का रुप देते हैं। इसके बाद नारद श्रीनगर के राजा की पुत्री से शादी करने जाते हैं। राजा के दरबार में बंदर के रुप को देख लोग खूब हंसते हैं। इसी बीच शंकर जी के भेजे गए दो गणों ने नारद को उनका बंदर वाला चेहरा दिखाते हैं। अपने इस रुप को देख नारद क्रोधित हो जाते हैं और वहां से चले जाते हैं। साथ ही नारद दोनों गणों को श्राप देते हैं कि जाओं तुम दोनों राक्षस बन जाओगे। मंचन के दौरान नारद के बंदर के रुप को देख दर्शक हंसते-हंसते लोट-पोट हो जाते हैं।
इनसेट………..
26 को श्रीराम जन्म, विश्वामित्र आगमन
आजमगढ़। नगर के पुरानी कोतवाली में प्रतिवर्ष होने वाली ऐतिहासिक श्रीरामलीला के मंचन के क्रम में 26 सितंबर की शाम आठ बजे से श्री बाबा बैजनाथ श्रीरामलीला मंडल (जनकपुर मिथिला धाम) बिहार के कलाकार श्रीराम जन्म और विश्वामित्र आगमन का मंचन करेंग। यह जानकारी श्रीरामलीला समिति के संयोजक विभाष सिन्हा ने दी। उन्होंने लोगों से समय से उपस्थित होने का आह्वान किया।