अयोध्या : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव शुरू हो गया है … 27 फरवरी को पांचवें चरण में अयोध्या में मतदान होना है।इसी कड़ी विश्व हिंदू परिषद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और राम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी और कार्यकर्ता सड़कों पर आ गए है। अलग-अलग टीमों में यह संयुक्त टीम लोगों के घर- घर और दुकान दुकान जा रही है, राम रज के साथ प्रसाद दे रही है और राम मंदिर निर्माण के बारे में जानकारी दे रही है.यही नहीं उनसे शत प्रतिशत मतदान कर राम मंदिर में सहायक सरकार लाने की अपील भी की जा रही है।
राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्र का कहना है कि हमारे कार्यकर्ता घरों घरों में जाकर शत प्रतिशत मतदान करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और कह रहे हैं कि आप 27 तारीख को मतदान के लिए जाइए साथ में एक जागरूकता पत्रक है लगाने के लिए जिसमें है कि आप मतदान शत प्रतिशत करिए और भगवान का प्रसाद ले जाकर दे रहे हैं और वहां की रज छोटी सी डिब्बी में बनाया है उसे लोगों तक पहुंचाना है शत प्रतिशत मतदान होगा तो देश को फायदा होगा और सब के संकल्पों की सरकार बनेगी लोग जो विचार कर रहे हैं उसके अनुसार लोग चुनकर आएंगे राम मंदिर का सपना सबका है जन जन का सपना है असर शब्द नहीं है हृदय की भावनाएं हैं उसको असर के रूप में मत देखिए भावनाएं भावनाएं होती हैं भावनाएं होती है वह भाव के रूप में अभिव्यक्ति होती है हमारे अंदर आपके अंदर वह भाव नहीं दिख रहा है सब में देख रहे हैं भगवान राम के मंदिर की जो 500 वर्षो से कल्पना थी वह साकार हो रही है तो भाव रूप में सबके सामने आ रहा है हम शत प्रतिशत मतदान कराएंगे जिससे लोगों के संकल्पनाओं की सरकार बने । यह सब मतदान के बाद ही संभव होगा।
संघ के अवध प्रान्त प्रचारक मनोज कुमार का कहना है कि प्रभु श्री राम का इतने सालों के इंतजार के बाद मंदिर बनने जा रहा है तो स्वाभाविक रूप से हर राम भक्तों के मन में इच्छा होती है की रज हमारे घर में भी आए तो अपने लोगों ने वरिष्ठ लोगों ने संतों के कहने पर यह काम शुरू हुआ कि हर घर में राम रज पहुंचे प्रसाद के साथ पहुंचे ताकि उनको आनंद की अनुभूति हो सके कि हमारा मंदिर बन रहा है रज हमारे पास भी आ गई है और हर मोहल्ले में खासकर अयोध्या के किसी मंदिर में पहले पूजन करके फिर रज बांटने का कार्य शुरू करेंगे इतना बड़ा देश है चुनाव कहीं न कहीं तो होता रहेगा तो चुनाव से रामरज का बहुत मतलब नहीं है और स्वाभाविक है राम के बारे में हर कोई सोचता ही है।
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