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आजमगढ़ : अबू धाबी से लौटे युवक ने की आत्महत्या, गांव में पसरा मातम

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आजमगढ़: जिले के जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत देवपुर कमालपुर गांव में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां अबू धाबी से नौकरी करके 15 दिन पहले लौटे 23 वर्षीय युवक अनिल कुमार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से गांव में शोक की लहर दौड़ गई है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

घटना की जानकारी तब हुई जब काफी देर तक अनिल के कमरे से कोई आवाज नहीं आई। जब उसकी मां मंजू देवी घर लौटीं तो उन्होंने देखा कि उनका इकलौता बेटा फंदे से लटका हुआ है। यह दृश्य देखकर उनके होश उड़ गए और उन्होंने तुरंत आसपास के लोगों को बुलाया।

सूचना मिलते ही गांव के लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को घटना की जानकारी दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को नीचे उतारा और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। मौके से किसी प्रकार का सुसाइड नोट नहीं मिला है, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि युवक ने आत्महत्या जैसा गंभीर कदम क्यों उठाया।

2 वर्षों से कर रहा था खाड़ी देश में नौकरी
अनिल कुमार पिछले दो वर्षों से अबू धाबी में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी कर रहा था और वहीं से कमाई करके अपने घर-परिवार की आजीविका चला रहा था। गांव के लोगों के अनुसार, वह मेहनती और जिम्मेदार युवक था, जो अपने माता-पिता का सहारा बना हुआ था।

करीब 15 दिन पहले वह किसी पारिवारिक कारण से घर लौटा था। परिवार को उसकी वापसी की खुशी थी, लेकिन किसी को यह आभास नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठा लेगा।

गांव में फैली चर्चा, लोग चुप्पी साधे
अनिल की आत्महत्या के पीछे का कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। पुलिस घटना के विभिन्न पहलुओं की जांच कर रही है। वहीं गांव में इस घटना को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं, परंतु कोई भी खुलकर कुछ कहने को तैयार नहीं है।

कुछ लोगों का मानना है कि शायद विदेश में नौकरी के दौरान किसी मानसिक दबाव का शिकार हो गया हो, या फिर घर आने के बाद किसी पारिवारिक तनाव से जूझ रहा हो। हालांकि, पुलिस सभी बिंदुओं पर गंभीरता से जांच कर रही है।

पुलिस का बयान


जीयनपुर कोतवाली प्रभारी ने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की पुष्टि हुई है, लेकिन वास्तविक कारणों का पता पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और परिजनों के बयान के बाद ही चल सकेगा।

यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि बाहर से लौटे प्रवासी मजदूरों की मानसिक स्थिति पर भी समाज और प्रशासन को ध्यान देना होगा।

क्या अनिल की आत्महत्या के पीछे कोई व्यक्तिगत परेशानी थी, या वह अवसाद से जूझ रहा था — यह तो जांच पूरी होने के बाद ही सामने आ सकेगा। फिलहाल पूरा गांव शोक में डूबा है और हर कोई इस घटना से स्तब्ध है।

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