दबंगों की धमकियों से डरी महिला ने लगाई मंडलायुक्त से गुहार
आजमगढ़: संपत्ति विवाद को लेकर एक महिला अपने दो बच्चों के साथ आजमगढ़ मंडलायुक्त कार्यालय पहुंची और प्रार्थना पत्र सौंपते हुए न्याय की गुहार लगाई। पीड़िता विद्यावती देवी ने आरोप लगाया कि उनके पति स्व. नंदलाल यादव की मृत्यु के बाद उनके सौतेले बेटों ने उन्हें और उनके बच्चों को संपत्ति से बेदखल करने की कोशिश की और जान से मारने की धमकी दी।
पति की मृत्यु के बाद शुरू हुआ संघर्ष
विद्यावती देवी, जो स्व. नंदलाल यादव की दूसरी पत्नी हैं, वर्तमान में अपने दो बच्चों—17 वर्षीय बेटी गरिमा और 14 वर्षीय बेटे प्राजल यादव—के साथ आजमगढ़ में रहती हैं। उन्होंने बताया कि उनके पति की पहली पत्नी की मृत्यु हो चुकी थी, जिससे उनके दो पुत्र संजय यादव और संतोष यादव हैं। जबतक उनके पति जीवित थे, तब तक उन्हें या उनके बच्चों को कोई समस्या नहीं हुई, लेकिन 12 जनवरी 2025 को पति की मृत्यु के बाद उनके सौतेले बेटों ने संपत्ति पर पूरी तरह से कब्जा जमाने की कोशिश शुरू कर दी।
संपत्ति विवाद के चलते धमकियां और उत्पीड़न
पीड़िता का कहना है कि जब उन्होंने अपने बच्चों के लिए पिता की संपत्ति में हिस्सा मांगा, तो संजय यादव और संतोष यादव ने न केवल उनके हक को नकार दिया, बल्कि गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी। विद्यावती देवी ने बताया कि 1 फरवरी 2025 की रात 9:39 बजे संजय यादव ने उन्हें फोन कर धमकी दी कि अगर वह रानी की सराय में आईं तो अंजाम बुरा होगा। इस घटना के बाद महिला ने स्थानीय थाना कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
पुलिस की निष्क्रियता बनी समस्या
पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया और कोई ठोस कदम नहीं उठाया। महिला का कहना है कि यदि समय रहते पुलिस ने कार्रवाई की होती, तो उन्हें अपने बच्चों के साथ मंडलायुक्त के पास न्याय की गुहार लगाने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता।
पति की दो शादियों से उपजा विवाद
विद्यावती देवी के अनुसार, उनके पति नंदलाल यादव ने दो शादियाँ की थीं। वह रानी की सराय थाना अंतर्गत चक सेठवल गाँव के रहने वाले थे। उनके पति दोनों ही पत्नियों के साथ बराबर समय बिताते थे। दोनों की शादी मंदिर में हुई थी, जिससे यह विवाह वैध था। उन्होंने बताया कि उनकी शादी के समय गाँव के कई लोग गवाह थे और इस तथ्य को सभी जानते हैं।
न्याय की मांग को लेकर मंडलायुक्त कार्यालय पहुंची पीड़िता
पुलिस की निष्क्रियता से हताश होकर विद्यावती देवी अपने दोनों बच्चों के साथ आजमगढ़ मंडलायुक्त कार्यालय पहुंचीं और प्रार्थना पत्र सौंपकर सुरक्षा एवं न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने मांग की कि उनके और उनके बच्चों के जीवन को खतरा है, इसलिए उन्हें पुलिस सुरक्षा दी जाए और संपत्ति में उनका उचित हिस्सा दिलाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की, तो वह अपने बच्चों के साथ बेघर हो जाएंगी।
मंडलायुक्त ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
मंडलायुक्त कार्यालय में सुनवाई के दौरान अधिकारियों ने महिला की शिकायत को गंभीरता से लिया और पुलिस को जल्द से जल्द कार्रवाई करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि विद्यावती देवी और उनके बच्चों को सुरक्षा प्रदान की जाएगी और मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी।