जनादेश टुडे संवादी उत्सव 2025: पूर्वांचल में साहित्य और पत्रकारिता का सबसे बड़ा आयोजन
आजमगढ़। जनादेश टुडे संवादी उत्सव 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। यह दो दिवसीय राष्ट्रीय आयोजन 22 और 23 फरवरी 2025 को पूर्वांचल के आजमगढ़ में होने जा रहा है। कार्यक्रम की पोस्टर लॉन्चिंग 31 जनवरी को स्थानीय एक निजी होटल में आयोजित की गई। इस अवसर पर जिले के गणमान्य नागरिक, साहित्यकार, पत्रकार, बुद्धिजीवी और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।
पोस्टर लॉन्चिंग कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) आजाद भगत सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने इस आयोजन को आजमगढ़ महोत्सव का एक अभिन्न हिस्सा बताते हुए कहा कि यह उत्सव उन साहित्यिक और सामाजिक पहलुओं को छूने का काम करेगा, जो अब तक कहीं न कहीं अछूते रह गए थे।
संवादी उत्सव: वैचारिक मंथन का मंच
अपर जिलाधिकारी आजाद भगत सिंह ने कहा,
“जिस तरीके से इस बड़े कार्यक्रम का पोस्टर आज लॉन्च हो रहा है, यह इस बात का संकेत है कि 22 और 23 फरवरी को होने वाला दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यक्रम ऐतिहासिक होगा। इतने प्रबुद्ध वक्ताओं को सुनने का अवसर कोई भी गंवाना नहीं चाहेगा। मेरा भी प्रयास रहेगा कि मैं अपनी टीम के साथ इस वैचारिक कुंभ में डुबकी लगाऊं।”
उन्होंने इस कार्यक्रम में उपस्थित जानी-मानी हस्तियों का जिक्र करते हुए कहा कि संवादी उत्सव से समाज को एक नई दिशा मिलेगी और इस बौद्धिक आयोजन से लोग उन अनुभवों को जान सकेंगे, जिन्हें महान विचारकों और विशेषज्ञों ने अपने जीवनभर की मेहनत से अर्जित किया है।
आजमगढ़: वैचारिक नर्सरी की भूमि
महाराणा प्रताप सेना के प्रमुख विजेंद्र सिंह ने कहा कि जनादेश टुडे संवादी उत्सव 2025 पूर्वांचल का सबसे बड़ा साहित्यिक और पत्रकारिता से जुड़ा आयोजन बनने जा रहा है। इस कार्यक्रम में न केवल आजमगढ़ बल्कि पूरे पूर्वांचल से साहित्यकार, पत्रकार, कलमकार और बुद्धिजीवी शामिल होंगे।
वरिष्ठ नेता प्रवीण सिंह ने कहा,
“आजमगढ़ की भूमि सदियों से वैचारिक नर्सरी रही है। यह वह धरती है, जिसने समाज को कई महान विचारक, लेखक और पत्रकार दिए हैं। यह जरूरी है कि ऐसे संवादी उत्सव लगातार आयोजित होते रहें, ताकि इस परंपरा को जिंदा रखा जा सके। मैं इस आयोजन के लिए आयोजक मंडल को साधुवाद देता हूं।”
वरिष्ठ नाक, कान, गला विशेषज्ञ डॉ. शरद मिश्रा ने कहा,
“यह कार्यक्रम मील का पत्थर साबित होगा। एक मंच पर इतने विद्वानों का विचार मंथन देखने को मिलेगा, जो समाज को सकारात्मक दिशा प्रदान करेगा।”
देश और दुनिया तक पहुंचेगी आजमगढ़ की आवाज
सर्वोदय एजुकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष राजेंद्र यादव ने संवादी उत्सव को लेकर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा,
“बीते वर्षों में इस तरह के आयोजनों की संख्या में कमी आई थी, लेकिन जनादेश टुडे संवादी उत्सव 2025 इस कमी को पूरा करेगा। इस आयोजन से आजमगढ़ से उठने वाली आवाज पूरे देश और दुनिया तक पहुंचेगी। यह आयोजन आजमगढ़ की बौद्धिक विरासत को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का कार्य करेगा।”
शिवालिक आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के एमडी डॉ. अशोक सिंह ने इसे आजमगढ़ की पहचान से जोड़ते हुए कहा कि यह आयोजन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक साबित होगा। उन्होंने लोगों से इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सहयोग करने की अपील की।
सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बना संवादी उत्सव
एसकेडी एजुकेशनल ग्रुप के प्रबंधक विजय बहादुर सिंह ने कहा कि यह आयोजन आजमगढ़ के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि
“देशभर में इस कार्यक्रम की चर्चा सोशल मीडिया के माध्यम से होने लगी है। यह दर्शाता है कि यह उत्सव कितने बड़े स्तर पर आयोजित किया जा रहा है।”
डॉ. अरविंद सिंह ने इस आयोजन की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की और बताया कि इस संवादी उत्सव में विभिन्न सत्रों का आयोजन होगा, जिसमें विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों और विद्वानों के विचार-विमर्श होंगे।
संवादी उत्सव में कौन-कौन होंगे शामिल?
पोस्टर विमोचन के मौके पर विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ, साहित्यकार, पत्रकार और बुद्धिजीवी उपस्थित रहे। मुख्य वक्ताओं में कमलेश तिवारी, गोविंद दुबे, महेंद्र सिंह, मनीषा मिश्रा, वसीम अकरम, सौरभ उपाध्याय (प्रतिनिधि, विधान परिषद सदस्य), अमित श्रीवास्तव, संजय पांडेय प्रमुख रूप से शामिल थे।
इस अवसर पर जनपद के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. डीडी सिंह, उपेंद्र मिश्रा, अंशुमान राय, हरी लाल यादव, अरविंद पांडे, अख्तर सिद्दीकी, नीरज सिंह, बलवीर सिंह, गुड्डू तिवारी, अजीत पांडे, अभिषेक उपाध्याय, मिथिलेश सिंह, अमर बहादुर यादव, अच्युतानंद, मदन मोहन पांडे, डीपी पांडे, पंचानन तिवारी, सुभाष सिंह, देवव्रत श्रीवास्तव, धर्मेंद्र श्रीवास्तव, गौरव श्रीवास्तव, सचिन श्रीवास्तव, सर्वेश मिश्रा, सौरभ सिंह, हरि गोविंद तिवारी, शर्मानंद पांडे, अनुराग तिवारी, अवनीश पांडे समेत बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
संवादी उत्सव 2025: क्या होगा खास?
संवादी उत्सव 2025 में कई प्रमुख सत्र होंगे, जिसमें साहित्य, पत्रकारिता, समाज और राजनीति से जुड़े विषयों पर गहन चर्चा होगी। इस आयोजन में साहित्यकार, पत्रकार और विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर मंथन किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रमुख विषयों पर संवाद आयोजित किए जाएंगे, जिनमें शामिल हैं:
.साहित्य और पत्रकारिता का वर्तमान परिदृश्य
.सामाजिक बदलाव में मीडिया की भूमिका
.आजमगढ़ और पूर्वांचल की बौद्धिक विरासत
.युवा और साहित्य: डिजिटल युग में लेखन का भविष्य
.भारतीय संस्कृति और वैश्विक परिदृश्य में हिंदी साहित्य
निष्कर्ष
जनादेश टुडे संवादी उत्सव 2025 आजमगढ़ और पूर्वांचल के लिए एक ऐतिहासिक आयोजन बनने जा रहा है। यह सिर्फ एक साहित्यिक और पत्रकारिता महोत्सव नहीं, बल्कि बौद्धिक और वैचारिक मंथन का एक मंच होगा। इस कार्यक्रम के जरिए न केवल आजमगढ़, बल्कि पूरे पूर्वांचल की साहित्यिक और सांस्कृतिक पहचान को एक नई दिशा मिलेगी।
अब सभी की नजरें 22 और 23 फरवरी 2025 को होने वाले इस भव्य राष्ट्रीय आयोजन पर टिकी हुई हैं, जो निश्चित रूप से एक ऐतिहासिक संवादी उत्सव साबित होगा।