आजमगढ़ पुलिस का बड़ा खुलासा: मुठभेड़ में घायल बदमाश सहित चार लुटेरे गिरफ्तार…
आजमगढ़ जिले की पुलिस ने 72 घंटे के भीतर एक सनसनीखेज लूटकांड का पर्दाफाश करते हुए बड़ी सफलता हासिल की है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना के नेतृत्व में, पुलिस ने एक मुठभेड़ के दौरान चार बदमाशों को गिरफ्तार किया, जिनमें एक बदमाश मुठभेड़ में घायल हुआ है। पुलिस ने उनके कब्जे से लूट में इस्तेमाल किए गए हथियार, वाहन, नकदी और शराब भी बरामद की है।
घटना का विस्तृत विवरण
यह घटना 7 जनवरी 2025 को आजमगढ़ के रौनापार थाना क्षेत्र के सरदौली गडथौली बुढानपुर में स्थित एक देशी शराब की दुकान पर हुई। चार अज्ञात बदमाशों ने योजना बनाकर दुकान पर हमला किया। उन्होंने सेल्समैन लालमन प्रसाद को धक्का देकर गिरा दिया और उसे घायल कर दिया। बदमाशों ने दुकान से 45,000 रुपये नकद, तीन पेटी देशी शराब और एक मोबाइल फोन लूट लिया।
घटना के तुरंत बाद लूट के दौरान पीड़ित की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन बदमाश भागने में सफल हो गए। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी और लोगों में भय और आक्रोश का माहौल बन गया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और योजना
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) चिराग जैन को मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी। एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसमें अनुभवी पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया।
इस विशेष टीम ने मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया और तकनीकी सर्विलांस का सहारा लिया। उन्होंने संभावित ठिकानों की घेराबंदी की और बदमाशों की गतिविधियों पर नजर रखी।
मुठभेड़ का विवरण
मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने बदमाशों को रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने एक बदमाश को गोली मारकर घायल कर दिया, जबकि अन्य तीन बदमाशों को बिना देरी किए गिरफ्तार कर लिया गया। घायल बदमाश को तत्काल मेडिकल सहायता प्रदान की गई।
गिरफ्तार बदमाशों की पहचान संत विजय, करन यादव, आकाश पटेल और सौरभ विश्वकर्मा के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, इन बदमाशों ने इससे पहले भी कई अपराध किए हैं।
बरामदगी और सबूत
पुलिस ने आरोपियों के पास से कई महत्वपूर्ण सबूत बरामद किए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- लूट में इस्तेमाल की गई होंडा अमेज कार
- दो देशी तमंचे
- दो खोखा कारतूस और एक जिंदा कारतूस
- लूट की नकदी: 22,650 रुपये
- 20 टेट्रा पैक देशी शराब की बोतलें
गिरोह का पर्दाफाश
पुलिस ने खुलासा किया है कि ये बदमाश एक संगठित गिरोह का हिस्सा हैं। उनका तरीका पेशेवर अपराधियों जैसा था। वे लूटपाट से पहले रेकी करते थे और भागने के रास्तों की योजना बनाते थे। पुलिस अब इनके पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि क्या वे अन्य अपराधों में भी शामिल हैं।
पुलिस का बयान और रणनीति
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने बताया कि अपराधियों को गिरफ्तार करने में जनता का सहयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को दें। उन्होंने कहा कि अपराध रोकने के लिए पुलिस और जनता का संयुक्त प्रयास जरूरी है।
भविष्य की कार्रवाई
पुलिस अब इस गिरोह के सभी सदस्यों की कुंडली खंगाल रही है। इस बात की भी जांच की जा रही है कि उनके पास से बरामद हथियार कहां से लाए गए थे और उनके अन्य संपर्क सूत्र कौन हैं।
निष्कर्ष
आजमगढ़ पुलिस की यह त्वरित और सफल कार्रवाई अपराधियों के लिए एक कड़ा संदेश है। केवल 72 घंटे में लूटकांड को सुलझाकर पुलिस ने अपनी कार्यकुशलता का परिचय दिया है। यह कार्रवाई क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाएगी और जनता के बीच सुरक्षा का विश्वास बहाल करेगी।